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Bihar Board Class 10th Social Science History Chapter 1 Notes यूरोप में राष्ट्रवाद | yurop me rashtravad Ncert & Objective Question

आज के इस पोस्ट में हमलोग कक्षा 10वीं इतिहास का पाठ ‘यूरोप में राष्ट्रवाद’ का नोट्स को देखने वाले है। yurop me rashtravad

Bihar Board Class 10th Social Science History Chapter 1 Notes यूरोप में राष्ट्रवाद | yurop me rashtravad Ncert & Objective Question

यूरोप में राष्ट्रवाद

प्रश्न 1. राष्ट्रवाद किसे कहते है?
उत्तर– राष्ट्रवाद एक ऐसी भावना है, जो किसी विशेष भौगोलिक, सांस्कृतिक या सामाजिक परिवेश में रहने वाले लोगों में एकता का वाहक बनता है।

या

राष्ट्र के प्रति प्रेम की भावना को राष्ट्रवाद कहते है।

👉 अर्न्स्ट रेनन ने 19वीं शताब्दी में राष्ट्रवाद की एक नई और व्यापक परिभाषा दी। राष्ट्रवाद की कल्पना फ्रांसीसी कलाकार सॉरयू ने की। इसने राष्ट्रवाद को चित्रों और झंडों के द्वारा दर्शाया।

प्रश्न 2. पुनर्जागरण किसे कहते है?
उत्तर– 14 वी० शताब्दी से लेकर 16 वी० शताब्दी तक यूरोप में जो सांस्कृतिक एवं धार्मिक प्रगति आंदोलन तथा युद्ध हुए उसे ही पुनर्जागरण कहा जाता है। यूरोप में पुनर्जागरण के बाद राष्ट्रवाद शुरू हुई।

(i) यूरोप महादेश में सबसे पहले राष्ट्रवाद की भावना फ्रांस में जगी। मारीआन फ्रांस देश के राष्ट्रवाद की प्रतीक थी।

(ii) फ्रांस में बूर्बो राजवंश का शासन था। और सन् 1789 ईस्वी में समय फ्रांस का राजा लुई 16वाँ था। और इसे 21 जुलाई 1793 ईस्वी को फांसी (गिलोटिन) पर चढ़ा दिया गया।

1789 ई. के फ्रांसीसी क्रांति के परिणाम

(i) समानता का अधिकार मिला
(ii) संविधान में पितृभूमि और नागरिकता शब्द को जोड़ा गया।
(iii) फ्रांस का तिरंगा और भाषा (फ्रेंच भाषा) बना।
(iv) आयात और निर्यात के कर को समाप्त कर दिया गया।

नेपोलियन बोनापार्ट

(i) लुई 16वाँ के मृत्यु के बाद नेपोलियन बोनापार्ट 18 मई 1804 ईस्वी में फ्रांस का राजा बनता है। और अपना एक अलग कानून बनाया, जिसे नेपोलियन संहिता (नेपोलियन कोड) कहा जाता था। इसमें 5 कोड था। और नेपोलियन ने 1799 ईस्वी में डायरेक्टरी का शासन समाप्त कर दिया।

(ii) नेपोलियन बोनापार्ट का जन्म 15 अगस्त 1769 ईस्वी को हुआ था। नेपोलियन का बचपन का नाम नेपोलियन दि बोनापार्टे था। और यह एक महान सेनापति था, जिसमें यूरोप के बहुत से देशों पर कब्जा किया।

(iii) नेपोलियन ने इटली में ट्रांसपेडेन गणराज्य एवं सिसेल्पाइन गणराज्य तथा जर्मनी में राइन राज्यसंघ की स्थापना किया।

नेपोलियन के द्वारा किये गये काम (नेपोलियन संहिता)

(i) विशेषाधिकार को समाप्त कर दिया।
(ii) यातायात के साधन को सुगम और सस्ता कर दिया।
(iii) सामंती व्यवस्था को समाप्त किया।
(iv) सभी नागरिकों के लिए एकसमान कानून बनाया।
(v) जन्मजात अधिकार समाप्त कर दिया।
(vi) योग्यता के आधार पर नियुक्ति करवाया।

(iv) 18 जून 1815 ईस्वी में वाटरलू का युद्ध हुआ जिसमें फ्रांस एक तरफ था और दूसरी तरफ ब्रिटेन, रूस, प्रशा, ऑस्ट्रिया तथा हंगरी एक तरफ थे। इस वाटरलू के युद्ध में नेपोलियन हार जाता है।

(v) हारने के बाद नेपोलियन को कैदी बनाकर सेंट हेलेना द्वीप पर भेज दिया गया, जहां 52 वर्ष की उम्र में 1821 में उसकी मृत्यु हो गई।

वियना सम्मेलन

(i) विजय देशों ने 1815 ईस्वी में ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना में एक सम्मेलन बुलाया, जिसे वियना सम्मेलन या वियना कांग्रेस कहा जाता है।

(ii) वियना सम्मेलन की अध्यक्षता ऑस्ट्रिया के चांसलर (राजा) मेटरनिख ने किया, क्योंकि नेपोलियन को हराने में इनका अधिक भूमिका था।

प्रश्न 3. मेटरनिख कौन था?
उत्तर– मेटरनिख ऑस्ट्रिया के चांसलर था, जो एक घोर प्रतिक्रिया वादी राजा था। इसका कहना था कि “किसी राज्य में शासन तो करो लेकिन जनता की भलाई न करो”। इसका शासन काल 1815 से लेकर 1848 तक था।

👉 जुलाई 1830 की क्रांति के बाद मेटरनिख का कथन “जब फ्रांस छींकता है, तो बाकी यूरोप को सर्दी हो जाती है।

वियना सम्मेलन का उद्देश्य

(i) यूरोप में पुनः पुरानी व्यवस्था को स्थापित करना था, जिसे नेपोलियन के युद्धों और विजयों ने अस्त-व्यस्त कर दिया।

(ii) वियना सम्मेलन के बाद नेपोलियन युग का अंत और मेटरनिख युग की शुरुआत हुई।

(iii) फ्रांस को नेपोलियन द्वारा जीते हुए क्षेत्र को वापस लौटाने को कहा गया।

(iv) इटली को मेटरनिख ने कई राज्यों में बांट दिया।

👉 वियना कांग्रेस के बाद फ्रांस में फिर से राजतंत्र का स्थापना हुआ और बूर्बो राजवंश का लुई 18वाँ 1815 ईस्वी में फ्रांस का राजा बन गया। और इसकी मृत्यु 1824 ईस्वी में हुई।

जुलाई 1830 की क्रांति

👉 लुई 18वाँ के बाद 1824 में चार्ल्स-x फ्रांस का राजा बना जो एक निरंकुश राजा था। चार्ल्स-x का कहना था, मैं अंग्रेजी राजा की भांति शासन करने की अपेक्षा लकड़ी काटना अधिक पसंद करूंगा

चार्ल्स-x ने पोलिग्नेक को प्रधानमंत्री बनाया, इसने प्रधानमंत्री बनने के बाद लुई 18वें द्वारा स्थापित समान नागरिक संहिता खत्म कर दिया। तथा फिर से समाज को बांट कर अभिजात वर्ग को विशेषाधिकार देने का प्रयास किया। और चार्ल्स-x ने विरोध की परवाह नहीं कर 25 जुलाई 1830 को चार आदेश जारी किए।

  • प्रेस की स्वतंत्रता समाप्त कर दी गई
  • नवनिर्वाचित प्रतिनिधि सभा भंग कर दी गई
  • मतदान का अधिकार संकुचित कर कुलीनों को लाभ पहुँचाया गया।
  • सितंबर में नए चुनाव करवाने की घोषणा की गई।

👉 26 जुलाई 1830 को पेरिस की जनता ने विद्रोह कर दिया। और जनता का नेतृत्व वृद्ध लफायते कर रहे थे। और 28 जून 1830 ईस्वी में फ्रांस में गृह युद्ध आरंभ हुआ, जिसे जुलाई 1830 की क्रांति कहते है। इस क्रांति के बाद 31 जुलाई को चार्ल्स-x इंग्लैंड भाग गया और बूर्बो राजवंश का अंत हो गया।

>> बूर्बो वंश के अंत के बाद फ्रांस के सभी वर्गों के सहमति से आर्लेयेंस वंश के शासक लुई फिलिप फ्रांस का राजा बनता है। और संवैधानिक राजतंत्र का स्थापना होता है।

इस समय फ्रांस में दो तरह के विचार वाले लोग थे।
(i) प्रगतिवादी = यह क्रांति के बाद बदलाव चाहते थे।
(ii) प्रतिक्रियावादी = यह किसी भी प्रकार का सुधार नहीं चाहते थे।

सन् 1848 की क्रांति

👉 लुई फिलिप ने इन दोनों को एक साथ करने के प्रयास से स्वर्णिम मध्यमवर्गीय नीति को अपनाया और अपने विरोधियों को खुश करने के लिए 1840 में प्रतिक्रियावादी गिजो को प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया। गिजो समाज में किसी भी प्रकार का सुधार नहीं चाहता है। जिससे फ्रांस में खाद्यान्न की कमी और बेरोजगारी बढ़ने लगी।

राजा का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट करने के लिए सुधारवादी दल के नेता थियर्स ने 22 फरवर 1848 को पेरिस में एक विशाल सुधार भोज का आयोजन किया। लेकिन लुई फिलिप ने इसपर रोक लगा दी। लुई फिलिप के विरुद्ध में क्रोधित जनता सड़कों पर प्रदर्शन करने लगी।

जनता पर पुलिस ने गोली चला दी। इससे अनेक व्यक्ति मारे गए। इसके बाद क्रोधित जनता ने राजमहल को घेर लिया। और अंततः 24 फरवरी 1848 को लुई फिलिप गद्दी छोड़कर इंग्लैंड भाग गया।

👉 इसके बाद लुई नेपोलियन फ्रांस के सभी वर्गों का समर्थन से सम्राट बना। इसने नेशनल असेंबली में गणतंत्र की घोषणा करके 21 वर्ष से ऊपर के सभी नागरिकों को मताधिकार प्रदान करवाया और फ्रांस में संवैधानिक गणतंत्र की स्थापना हुई।

प्रश्न 4. सामंतवाद क्या है?
उत्तर– वैसी शासन प्रक्रिया जिसमें सामंतो या जमीनदारों को किसानो से ज्यादा अधिकार दिया जाता है, जिसे सामंतवाद कहते हैं।

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प्रश्न 5. मध्यम वर्ग (बुर्जुआ वर्ग) से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर– समाज में रहने वाले वैसे लोग जो अपना जीवन निर्वाह छोटे-छोटे व्यापार या नौकरियों के माध्यम से करते हैं, उसे मध्यम वर्ग कहते हैं।

प्रश्न 6. सर्वहारा वर्ग से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर– समाज में रहने वाले वैसे लोग जिसमें गरीब, किसान, मजदुर शामिल होते है, उसे सर्वहारा वर्ग कहते है। जिसके पास पुंजी का अभाव होता है तथा जिसकी स्थिती दयनीय होती हैं।

प्रश्न 7. सम्राज्यवाद क्या है ?
उत्तर– जब कोई बड़ा देश किसी छोटे देश पर जबरदस्ती अपना अधिकार जमा लेता है, तो उसे साम्राज्यवाद कहते हैं। सम्राज्यवाद का शाब्दिक अर्थ शोषण करना।

प्रश्न 8. जॉल्वेराईन क्या है ?
उत्तर– जॉल्वेराईन एक व्यापारिक संस्था थी, जिसका गठन 1834 में प्रशा (जर्मनी) ने किया। इसका मुख्य कार्य व्यापारियों के हितों का रक्षा करना था।

जर्मन अर्थशास्त्री फ्राइडरीख लिस्ट ने लिखा, जॉल्वेराईन का लक्ष्य जर्मन लोगों को आर्थिक रूप में एक राष्ट्र में बाँध देना है।

प्रश्न 9. रूमानीवाद किसे कहते है?
उत्तर– रूमानीवाद एक सांस्कृतिक आंदोलन था। इसमें कला और संगीत के माध्यम से लोगों में राष्ट्रवाद की भावना को जगाया गया।

प्रश्न 10. उदारवादी राष्ट्रवाद से आप क्या समझते है ?
उत्तर– उदारवादी एक अलग विचारधारा के लोग थे, जो आर्थिक समानता पर बल देते थे। उदारवादी राष्ट्रवाद के तहत गरीबों को आगे बढ़ाने पर बल गया।

इटली का एकीकरण

(i) 19वीं शताब्दी के आरंभ में इटली कई स्वतंत्र राज्यों में बंटा हुआ था। नव गुएल्फ आंदोलन इटली में हुआ था। चार्टिस्ट आन्दोलन इंग्लैंड में सम्पन्न हुए। ऐक्ट ऑफ यूनियन 1688 में पारित हुआ।

(ii) लोंबार्डी और वेनेशिया ऑस्ट्रिया के कब्जे में था। और मध्य इटली पर पोप का शासन था। तथा दक्षिण इटली के नेपल्स तथा सिसली राज्यों में बूबों राजवंश का शासन था।

(iii) विएना कांग्रेस के द्वारा इटली के दो राज्य सार्डिनिया और पिडमाउण्ट का एकीकरण किया गया। इटली के एकीकरण में मेजिनी, काउंट काबूर और गैरीबाल्डी का महत्वपूर्ण योगदान है।

मेजिनी

👉 मेजिनी का जन्म 1805 ई० को सार्डिनिया के जेनेवा नगर में हुआ। मेजिनी को इटली के एकीकरण का मशीहा कहा जाता है। यह एक लेखक तथा दार्शनिक था। इन्होनें 1830 ई० में नागरिक आन्दोलन चलाया था। मेजिनी ने 1831 ई० में यंग इटली तथा 1834 ई० में यंग यूरोप की स्थापना की।

मेजिनी ने 1810 ईस्वी में कार्बोनारी नामक एक संगठन भी बनाया। और मेजिनी के प्रभाव को देखते हुए मेटरनिख ने उसे हमारी सामाजिक व्यवस्था का सबसे खतरनाक दुश्मन कहा। मेजिनी ने 1851 में फ्रेंड्स ऑफ इटली (Friends of Italy) नामक संस्था बनाकर जेनेवा के क्रांतिकारियों की सहायता की।

लेकिन ऑस्ट्रिया के हस्तक्षेप से इटली में जन आंदोलन को कुचल दिया गया और मेजिनी की हार हुई और वह पलायन कर दूसरे देश चला गया।

विक्टर इमैनुएल तथा काउंट कावूर

(i) विक्टर इमैनुएल सार्डिनीया-पीडमाउन्ट का शासक था तथा राष्ट्रवादी विचारधारा का समर्थक था।

(ii) विक्टर इमैनुएल ने इटली के एकीकरण के उद्देश्य से काउंट कावूर को प्रधानमंत्री नियुक्त किया।

(iii) सबसे पहले काउंट कावूर ने अपने राज्य सार्डिनीया-पीडमाउंट के उन्नति पर ध्यान दिया।

(iv) कावूर ने 1853 ईस्वी में क्रीमिया के युद्ध में फ्रांस की सहायता की तथा युद्ध समाप्ति के बाद 1856 में पेरिस की संधि हुई जिसमें फ्रांस के तत्कालीन राष्ट्रपति नेपोलियन तृतीय ने इटली को जरूरत पड़ने पर सैनिक मदद देने का वादा किया।

(v) फ्रांस की सहायता पाकर कावूर ने ऑस्ट्रिया के खिलाफ 1859 ईस्वी में युद्ध शुरू कर दिया। लेकिन फ्रांस इस युद्ध से पीछे हट गया। युद्ध से हटने का कारण

  • प्रशा के युद्ध में ऑस्ट्रिया ने फ्रांस को सहायता करने का वचन दे दिया था।
  • कावूर की सहायता करना फ्रांस के लिये काफी खर्चीला था।
  • इटली का एकीकरण होना फ्रांस को उचित नहीं लग रहा था।

(vi) इटली कमजोर पड़ गया और इटली तथा ऑस्ट्रिया के बीच ज्यूरिक की संधि हुई जिसके अनुसारः

  • लोंबार्डी का प्रदेश पीडमाउंट के अधिकार में दिया गया।
  • वेनेशिया को ऑस्ट्रिया के अधिकार में रखा गया।
  • नीस तथा सेवाएं फ्रांस को दे दिए गए।

(vii) युद्ध से हटने के बाद फ्रांस के राजा नेपोलियन तृतीय को काउंट कावूर ने नीस तथा सेवाएं के प्रदेश देने का लोभ देकर मध्य इटली के एकीकरण के लिए राजी करवाया।

(viii) अंततः कावूर ने मध्य इटली की सभी रियासतों परमा, मोडेना, टस्कनी, इत्यादि को अपने में मिला लिया। इस प्रकार 1862 ई तक दक्षिण इटली, रोम तथा वेनेशिया को छोड़कर सभी रियासतों का एकीकरण हो चुका था। और 1861 ईस्वी में इसकी मृत्यु हो गई।

गैरीबाल्डी

(i) गैरीबाल्डी का जन्म 1807 में नीस में हुआ था, वह पेशे से एक नाविक था और मेजिनी के विचारों का समर्थक था।

(ii) इसने लाल कुर्ती नामक सेना का संगठन बनाया था, जिसके सहयोग से इसने दक्षिणी इटली (सिसली और नेपल्स) को बूबों राजवंश से स्वतंत्र कराया था।

(iii) गैरीबाल्डी ने जीते हुए दक्षिण इटली के क्षेत्रों को बिना किसी संधि के इटली के शासक विक्टर इमैनुएल को सौंप दिया।

(iv) गैरीबाल्डी ने अपनी सारी संपत्ति राष्ट्र को समर्पित कर साधारण किसान की भांति जीवन जीने लगा।

(v) विक्टर इमैनुएल ने रोम को भी इटली में मिला लिया और इसे अपने देश की राजधानी बनाई। विक्टर इमैनुएल को संयुक्त इटली का राजा घोषित किया गया। और सार्डिनिया -पीडमाउंट का नाम बदलकर इटली रखा गया। इस प्रकार 1871 ईस्वी तक इटली का एकीकरण पूर्ण हो गया।

(vi) इटली के एकीकरण का मसीहा मेजिनी को, तलवार गैरीबाल्डी को और राजनीतिज्ञ कावूर को कहा जाता है। और इटली के एकीकरण की प्रक्रिया का आरंभ नेपोलियन बोनापार्ट ने किया, इसलिए इसे इटली में राष्ट्रवाद का जन्मदाता कहा जाता है।

जर्मनी का एकीकरण

(i) जर्मनी लगभग 300 छोटे-बड़े राज्यों में बंटा हुआ था, जिसमें प्रशा सबसे शक्तिशाली राज्य था।

(ii) जर्मन के एकीकरण का श्रेय नेपोलियन बोनापार्ट को दिया जाता है, क्योंकि उसने 1806 ईस्वी में जर्मन प्रदेशों को जीतकर राइन राज्य संघ का निर्माण किया था। और यहीं से जर्मन राष्ट्रवाद की भावना धीरे-धीरे बढ़ने लगी थी।

(iii) 1834 में जर्मन व्यापारियों ने प्रशा में जालवेरिन नामक एक संघ बनाया।

(iv) पहले प्रशा के शासक विलियम फ्रेडरिक था। उसके मृत्यु के बाद उसका भाई विलियम प्रथम प्रशा का शासक बना। और जर्मनी के एकीकरण के उद्देश्य से महान कूटनीतिज्ञ बिस्मार्क को अपना चांसलर नियुक्त किया। और यह हिगेल के विचार से प्रभावित था।

(v) इसका पूरा नाम आटो वॉन बिस्मार्क था, इसने ‘रक्त और लौह की नीति‘ को अपनाया। और सैन्य शक्ति को मजबूत किया।

(vi) बिस्मार्क ने अपनी नीतियों और सैन्य बल से सेल्सविग और होल्सटीन को 1864 ईस्वी में डेनमार्क से छुड़ाया।

(vii) इसके बाद ऑस्ट्रिया और प्रशा के बीच 1866 ईस्वी में सेडोवा के युद्ध हुआ, जिसमें ऑस्ट्रिया हार गया।

(viii) इसके बाद फ्रांस के कब्जे वाले क्षेत्रों को प्राप्त करने के लिए बिस्मार्क ने 19 जून 1870 को शुरु सेडॉन की लड़ाई में फ्रांसीसीयों को पराजित कर दिया। बिस्मार्क ने कुल तीन युद्ध किया।

(ix) 10 मई 1871 को फ्रैंकफर्ट की संधि द्वारा ऑस्ट्रिया और प्रशा के बीच शांति स्थापित हुई। अंततः जर्मनी 1871 तक एक महाशक्ति राष्ट्र के रूप में उभरा।

यूनान में राष्ट्रीयता

(i) यूनान यूरोप का एक देश है, जिसे हम आज एथेंस के नाम से जानते हैं और इसका राजधानी ग्रीस है।

(ii) यूनानी विचार, कला, चिकित्सा विज्ञान इत्यादी से प्रेरणा लेकर यूरोपीय देश अपनी तरक्की कर रहे थे, परंतु यूनान पर तुर्की साम्राज्य के अधीन था।

(iii) कवियों और कलाकारों ने यूनान को यूरोपीय सभ्यता का पालना (cradle of European civilisation) कहा गया है। लेकिन 18वीं शताब्दी के बाद तुर्की की शक्ति कमजोर हो गई, इसलिए इसे यूरोप का मरीज (sick man of yurop) कहा जाने लगा।

(iv) 1821 में अलेक्जेंडर चिपसिलान्टि के नेतृत्व में यूनान में विद्रोह शुरू हुआ। और हितेरिया फिलाइक नामक एक संस्था बनाया गया, जिसका उद्देश्य यूनान को स्वतंत्र कराना था। इंग्लैंड के कवि लार्ड बायरन की हत्या के बाद क्रांति तेज हो गई।

(v) इंग्लैंड, फ्रांस तथा रूस के समर्थन से यूनानीयों ने तुर्की के खिलाफ युद्ध किया, जिसमें तुर्की सेना बुरी तरह पराजित हुई और 1829 में एड्रियानोपोल की संधि हुई। कुस्तुनतुनिया की संधि द्वारा स्वतंत्र यूनान की स्थापना हुई।

(vi) 1832 में यूनान को एक स्वतंत्र राष्ट्र घोषित कर दिया गया और बवेरिया के शासक ‘ओटो‘ को स्वतंत्र यूनान का राजा घोषित कर दिया गया।

हंगरी में राष्ट्रीयता

(i) हंगरी यूरोप का एक देश है, जिसकी राजधानी बुडापेस्ट है। और हंगरी पर ऑस्ट्रिया का नियंत्रण था। और हंगरी की भाषा हंगेरियन (मैग्यार) है।

(ii) हंगरी में आंदोलन का नेतृत्व कोसुथ तथा फ्रांसिस डिक नामक दो क्रांतिकारी कर रहे थे।

(iii) 31 मार्च 1848 को ऑस्ट्रिया की सरकार ने वहां स्वतंत्र मंत्रीपरिषद की मांग स्वीकार कर ली।

पोलैंड में राष्ट्रीयता

(i) पोलैंड यूरोप का एक देश है, जिसकी राजधानी वार्षा है। और पोलैंड पर रूस तथा ऑस्ट्रिया का नियंत्रण था।

(ii) 1830 में यहां भी क्रांति हुई परंतु विद्रोह को कुचल दिया गया। अंततः 1918 में प्रथम विश्वयुद्ध के बाद पोलैंड आजाद हुआ।

बोहेमिया में राष्ट्रीयता

(i) बोहेमिया यूरोप का एक देश है, जिसे आज हम ‘चेक गणराज्य‘ के नाम से जानते हैं और इसकी राजधानी पैराग्वे है।

(ii) इस देश में चेक जाति के लोग बहुसंख्यक में थे, और यहां ऑस्ट्रिया का नियंत्रण था।

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दोस्तों उम्मीद करता हूं कि ऊपर दिए गए कक्षा 10वीं के इतिहास के पाठ 01 यूरोप में राष्ट्रवाद (yurop me rashtravad) का नोट्स और उसका प्रश्न को पढ़कर आपको कैसा लगा, कॉमेंट करके जरूर बताएं। धन्यवाद ! yurop me rashtravad

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