Bihar Board Class 9th chapter 2 अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम | Ameriki swatantrata sangram class 9th History Notes & Solution
Bihar Board Class 9th chapter 2 अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम | Ameriki swatantrata sangram class 9th History Notes & Solution
previous arrow
next arrow
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

Bihar Board Class 7th Social Science History Chapter 6 Notes Sahar Vyapari Evam Karigar | शहर, व्‍यापार एवं कारीगर Objective Question

आज के इस पोस्ट में हमलोग कक्षा 7वीं इतिहास का पाठ ‘शहर, व्यापारी एवं कारीगर’ का नोट्स को देखने वाले है। Sahar Vyapari Evam Karigar

Bihar Board Class 7th Social Science History Chapter 6 Notes Sahar Vyapari Evam Karigar | शहर, व्‍यापार एवं कारीगर Objective Question

शहर, व्यापारी एवं कारीगर

👉 मध्यकाल में चार प्रकार के शहर देखने को मिलते हैं–
(i) प्रशासनिक शहर
(ii) वाणिज्यिक व्यापारी शहर
(iii) तीर्थ यात्रा एवं मंदिर के कारण प्रसिद्ध शहर
(iv) बंदरगाह (पत्तन) शहर

प्रशासनिक शहर

⪼ प्रशासनिक शहर राजाओं की सत्ता केन्द्र अर्थात् राजधानी थी। इसमें अनेक राजमहल होते थे। राजा अपने परिवार, अधिकारी, सैनिक, नौकर-चाकर के साथ प्रशासनिक शहर में रहते थे। प्रशासनिक शहर में हर एक जरूरत की सामान मौजूद रहते थे।

➣ प्रशासनिक शहर के रूप में दक्षिण भारत के कांचीपुरम, मदुरई, तंजावूर और उत्तर भारत के दिल्ली, आगरा, लाहौर प्रसिद्ध थे।

मंदिर नगर एवं तीर्थ स्थल

➢ मध्यकाल में भारत के अनेक राजाओं ने अपने देवी-देवताओ की मूर्तियों तथा मंदिर का निर्माण करवाया। इन मंदिर में अनेक राजा दान दिया करते थे और इन दानों का उपयोग मंदिर को भव्य (विशाल) बनाने में किया गया।

⪼ मध्यकाल में प्रसिद्ध मंदिर के रूप में कांचीपुरम, तिरूपति, तंजावूर आदि शहर प्रसिद्ध थे।

➣ मध्यकाल में पवित्र स्थलों के रूप में मथुरा, काशी, वृंदावन (उत्तरप्रदेश), अजमेर, माउंट आबू (राजस्थान), सोमनाथ (गुजरात) आदि शहर प्रसिद्ध थे। इन जगहों पर लोग पूजा-पाठ और देवी-देवताओं की दर्शन करने जाते हैं।

वाणिज्यिक नगर

⪼ कुछ शहरों में कुछ खास वस्तुओं का उत्पादन किया जाता है, और आगे चलकर यह शहर उस वस्तु के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध हो गया। जैसे– बुरहानपुर (कपास), अहमदाबाद (कपडा बनाने), बयाना (नील), कांचीपुरम (सूती कपडा), कैम्बे (रत्न बाजार)

बन्दरगाह (पत्तन) नगर

⪼ एक देश से दूसरे देश में सामान ले जाने के लिए शासको और व्यापारियों ने समुद्र के किनारे बंदरगाह का निर्माण करवाया। धीरे-धीरे बंदरगाह के अगल-बगल शहरों का विकास होने लगा। आगे चलकर यह शहर बंदर‌गाहों के लिए प्रसिद्ध हो गए।
जैसे– हुगली, मोदुपल्ली, मछलीपटनम आदि पूर्वी तट बंदरगाह है।

➣ बंदरगाह के कारण प्रसिद्ध शहर कर्नाटक, केरल, बम्बई, गोवा, कोलकत्ता और मद्रास (चेन्नई) है।

शहरी परिदृश्य

मध्यकाल के शहर चार दिवारी से घिरे होते थे, और उनमें अनेक प्रवेश द्वार हुआ करता था। उस समय शहर कई मुहल्ले में बंटे होते हैं। इस शहर को खास जाति और व्यवसाय (काम) के आधार पर बाँटा गया था। जैसे– कुपड़ी मुहल्ला (सब्जी बेचने वाले), मोची बाडा (जूते बनाने वाला), मुहल्ला जरगरान (सुनार), कूचा रंगरेज (कपड़े रंगने वाला)

व्यापार की दशा एवं दिशा

मध्यकाल में शहरों में अनेक बाजार और मंडिया थी। जहाँ पर बहुत सारे व्यापारी आकर सामानों को खरीदे और बेचते थे। और शहरों में मेला का भी आयोजन किया जाता था। जहाँ पर व्यापारी और बंजारे आया करते थे, और जो सामान सस्ता होता था, उसे खरीदकर दूसरे स्थान पर ज्यादे दामों पर बेचा करते थे।

⪼ बंजारे लोग घुमंतू व्यापारी थे। और इनके कारवां (समूह) को टांडा कहते है।

जहांगीर ने अपनी आत्मकथा “तुजुक -ए-जहांगीरी” में लिखा है कि बंजारे विभिन्न क्षेत्रो से अनाज ले जाकर शहरों में बेचा करते थे।

बंजारे

बंजारे हमेशा टांडा (समूह) में चलते थे और इनके समूह 14000 बैल थे। इन बैलों पर धान और गेहूँ आदि लादकर एक जगह से दूसरे जगह जाते हैं। इन लोगों के साथ इनकी बीवी और बच्चे भी रहते थे। एक टांडा में छह से सात सौ लोग रहते थे। और एक दिन में अधिकतम छह से सात मील सफर करते थे।

प्रश्न 1. व्यापारिक मार्ग किसे कहते है?
उत्तर– वैसा मार्ग जिसके द्वारा व्यापारी अपना व्यापार करते है, उसे व्यापारिक मार्ग कहते है।

प्रश्न 2. यातायात किसे कहते है?
उत्तर– एक जगह से दूसरे जगह जाने के लिए जिन साधनों का उपयोग करते है, उसे यातायात कहते हैं। जैसे– बैल, खच्चर

⪼ मैदानी इलाकों में सामानों को ले जाने का मुख्य साधन बैलगाडी था, जबकि अन्य इलाकों में बैल, खच्चर, ऊंट एवं आद‌मियों का उपयोग किया जाता है।

नावो का उपयोग जल मार्ग पर होता था, जबकि बड़े जहाजों का उपयोग समुद्रों में किया जाता था।

👉 मध्यकाल में वस्तुओ की खरीद बिक्री के लिए सिक्के का उपयोग किया जाता था। सिक्का सोना, चाँदी एवं तांबा का बना होता था। मुगल काल में रूपया और दाम का उपयोग किया जाता था।

प्रश्न 3. सर्राफ किसे कहते है?
उत्तर– व्यापारियों के एक समूह को सर्राफ कहते है। इसका काम सिक्के की शुद्धता और वजन को मापना था। और लोग के पैसे का लेन-देन भी किया था और साथ-ही-साथ हुंडी (चेक) भी जमा करता था।

प्रश्न 4. हुंडी किसे कहते है?
उत्तर– हुंडी कागज पर लिखा गया एक वचन पत्र होता था, जिसके द्वारा किसी स्थान और समय पर लिखी गई राशि देने की व्यवस्था की जाती थी।

व्यापारियों का संगठन

व्यापारी अपने हितों की रक्षा करने के लिए व्यापारी संघ बनाने थे। और व्यापारी के समूह में से एक को व्यापारीयों का नेता बनाया जाता था। इस नेता का काम व्यापारियों के लिए नियम कानून बनाना और राजा के सामने उनकी मांगो को रखना था।

⪼ दक्षिण भारत में दो व्यापारी संघ थे।
(i) नानादेशी
(ii) मनीग्रामम्

मुगल कारखाना

⪼ मुगल कारखाना में बड़े-बड़े कमरे थे। और इसे कारीगर की कर्मशाला कहा जाता था। यहाँ पर कामों के आधार पर कमरे को बाँटा गया था। जैसे– स्वर्णकार, चित्रकार, दर्जी, मोची आदि। इन अलग-अलग कमरों में अलग-अलग वस्तुओ का निर्माण किया जाता था।

➣ मध्यकाल में ढाका में मलमल वस्त्र, कांचीपुरम एवं मछलीपटनम में सूती वस्त्र, कश्मीर में ऊनी शाल, बीदर में सोने चांदी की बर्तनो का निर्माण किया जाता था।

⪼ चोल कांस्य की मूर्ति लुप्तमोम विधि द्वारा बनाई जाती थी।

लुप्तमोम विधि

यह एक विधि है, जिसमें मोम के द्वारा मूर्ति बनाई जाती है। मोम से मूर्ति बनाने के बाद उसे सुखने के छोड़ दिया है। उसके बाद इस पर धातु (सोना/चांदी) की परत चढ़ाई जाती है। इसके बाद मूर्ति को गर्म करने पर मोम पिघल जाता है और केवल सांचा रह जाता है।

1492 ई. में स्पेन के नाविक क्रिस्टोफर कोलंबस में अमेरिका का खोज किया। और अमेरिका को भारत का हिस्सा समझा। और यहाँ पर रहने वालो को रेड इंडियन कहा गया।

स्पेन के नाविक अमेरिगु वेस्पुची ने अमेरिका को विस्तार से ढूंढ़ा। और इसे एक महाद्वीप बताया। इसी के नाम पर अमेरिका का नाम अमेरिका पड़ा।

👉 1498 ई. में पुर्तगाल के नाविक वास्कोडिगामा ने इंग्लैंड से भारत तक का समुद्री मार्ग का खोज किया। वास्कोडिगामा आशा अन्तरीप होते हुए कालीकट पहुंचे।

प्रश्न 5. कार्ट्ज (पारपात्र / आज्ञा पत्र) किसे कहते है?
उत्तर– कार्ट्ज एक प्रकार का आज्ञा पत्र था, जिसका उपयोग समुद्र में जहाजों के द्वारा आने-जाने में किया जाता था। इसके न होने पर माल लूटकर जहाज को जब्त कर लिया जाता था। आज्ञा पत्र लेने के लिए कुछ रूपशा देना पड़ता था।

Read Also:- Bihar Board Class 9th History Ch 6 Sahar Vyapari Evam Karigar Notes & Solution 

➣ इंग्लैंड से भारत तक का समुद्री मार्ग के खोज होने के बाद इंग्लैंड, हॉलैंड (डच) एवं फ्रांस के व्यापारी भारत आने लगे। अंग्रेज भारत में अपना कोठियों (गोदाम) का भी स्थापना किया था। और यूरोप के बाजारों में जिस वस्तु का मांग ज्यादा होता था, अंग्रेज उसी वस्तु का उत्पादन भारत में ज्यादा करवाते थे।

⪼ भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना 31 दिसम्बर 1600 ईस्वी में हुआ था।

➣ अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कंपनी ने कलकत्ता, मद्रास, बम्बई में अपना सामान को रखने के लिए कोठियों (गोदाम) का निर्माण करवाया। इस कोठियों का किलाबंदी की जाती थी और इसमें कंपनी के कर्मचारी रहते थे। और भारतीय व्यापारी को किला से बाहर रखा जाता था।

पटना

(i) पटना का प्राचीन नाम पाटलिपुत्रा और मध्यकालिन नाम आजीमाबाद था। पटना नाम पट्टन (शहर) से आया है।

(ii) पटना दीवारों से घिरा था, और इसमें छोटे- बड़े दरवाजे थे। और यह गंगा नदी के तट (किनारे) पर स्थित है।

(iii) 1704 ई. में औरंगजेब का पोता अजीम-उस-शान बिहार का सूबेदार (राजा) बना। और इसी के नाम पर पटना का नाम आजीमाबाद हुआ। अजीम ने मुहल्ला के अनुसार पटना को बनाया और मुहल्लों का नाम रखा।

Bihar Board Class 7 Social Science History Ch 6 शहर, व्‍यापार एवं कारीगर | Sahar Vyapari Evam Karigar Class 7th Solutions

JOIN NOW

दोस्तों उम्मीद करता हूं कि ऊपर दिए गए कक्षा 7वीं के इतिहास के पाठ 06 शहर, व्यापारी एवं कारीगर (Sahar Vyapari Evam Karigar) का नोट्स और उसका प्रश्न को पढ़कर आपको कैसा लगा, कॉमेंट करके जरूर बताएं। धन्यवाद !

Leave a Comment

error: Content is protected !!