Bihar Board Class 9th chapter 2 अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम | Ameriki swatantrata sangram class 9th History Notes & Solution
BSEB Bihar Board Class 6 Social Science History Chapter 3. प्रारंभिक समाज | Prarambhik Samaj Class 6th Solutions
Bihar Board Class 7 Social Science History Ch 6 शहर, व्‍यापार एवं कारीगर | Sahar Vyapari Evam Karigar Class 7th Solutions & Notes
Bihar Board Class 10 History Chapter 7 व्यापार और भूमंडलीकरण | Social Science History Vyapar aur Bhumandalikaran Objective Question 2025
Bihar Board Class 7th History Chapter 4 Solution mugal emperor मुगल साम्राज्य
Bihar Board Class 10th Social Science History Chapter 1 Notes यूरोप में राष्ट्रवाद | yurop me rashtravad Ncert & Objective Question
Bihar Board Class 9th Science Physics Chapter 3 Notes बल तथा गति के नियम | Bal tatha gati ke niyam Bharati Bhawan
Bihar Board Class 10th Social Science Economics Chapter 1 Notes अर्थव्यवस्था एवं इसका विकास | arthvyavastha Class 10th Ncert & Bharati Bhawan Objective Question
Bihar Board Class 10th Social Science Civics Chapter 1 लोकतंत्र में सत्ता की साझेदारी | loktantra mein satta ki sajhedari Ncert Notes
Bihar Board Class 9th Science Biology Chapter 1 Notes कोशिका | Koshika ka Objective Question & Notes NCERT
Bihar Board Class 9th chapter 2 अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम | Ameriki swatantrata sangram class 9th History Notes & Solution
BSEB Bihar Board Class 6 Social Science History Chapter 3. प्रारंभिक समाज | Prarambhik Samaj Class 6th Solutions
Bihar Board Class 7 Social Science History Ch 6 शहर, व्‍यापार एवं कारीगर | Sahar Vyapari Evam Karigar Class 7th Solutions & Notes
Bihar Board Class 10 History Chapter 7 व्यापार और भूमंडलीकरण | Social Science History Vyapar aur Bhumandalikaran Objective Question 2025
Bihar Board Class 7th History Chapter 4 Solution mugal emperor मुगल साम्राज्य
Bihar Board Class 10th Social Science History Chapter 1 Notes यूरोप में राष्ट्रवाद | yurop me rashtravad Ncert & Objective Question
Bihar Board Class 9th Science Physics Chapter 3 Notes बल तथा गति के नियम | Bal tatha gati ke niyam Bharati Bhawan
Bihar Board Class 10th Social Science Economics Chapter 1 Notes अर्थव्यवस्था एवं इसका विकास | arthvyavastha Class 10th Ncert & Bharati Bhawan Objective Question
Bihar Board Class 10th Social Science Civics Chapter 1 लोकतंत्र में सत्ता की साझेदारी | loktantra mein satta ki sajhedari Ncert Notes
Bihar Board Class 9th Science Biology Chapter 1 Notes कोशिका | Koshika ka Objective Question & Notes NCERT
previous arrow
next arrow
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

Bihar Board Ncert Class 10th Social Science Economics Chapter 5 Notes रोजगार एवं सेवाएं | rojgar evam sevaye Objective & Notes

आज के इस पोस्ट में हमलोग कक्षा 10वीं अर्थशास्त्र का पाठ ‘रोजगार एवं सेवाएं’ का नोट्स को देखने वाले है। rojgar evam sevaye

Bihar Board Ncert Class 10th Social Science Economics Chapter 5 Notes रोजगार एवं सेवाएं | rojgar evam sevaye Objective & Notes

रोजगार एवं सेवाएं

प्रश्न 1. रोजगार किसे कहते है?
उत्तर– जब व्यक्ति श्रम और शिक्षा के आधार पर अपनी आजीविका के लिए पैसा कमाता है, तो उसे रोजगार कहते हैं।

👉 रोजगार का मुख्य उद्देश्य लोगों को रोटी, कपड़ा और मकान जैसे न्यूनतम आवश्यकता की पूर्ति करवाना है।

प्रश्न 2. बेरोजगार किसे कहते है?
उत्तर– ऐसे व्यक्ति जो काम करने योग्य है, और काम करना चाहते है, लेकिन उसे उचित वेतन पर काम नहीं मिलता है, तो उसे बेरोजगार कहा जाता है।

प्रश्न 3. सेवा क्षेत्र किसे कहते है?
उत्तर– ऐसा क्षेत्र जहाँ काम दिमाग, मेहनत और हुनर के आधार पर मिलता है, उसे सेवा क्षेत्र कहते है। जैसे:- शिक्षा, स्वास्थ्य, बैंक

रोजगार एवं सेवाएं

☞ रोजगार और सेवाएँ एक-दूसरे के पूरक हैं। इसका मतलब है कि जब लोगों को रोजगार (काम) मिलेगा, तो वह पैसा कमाएगा। और जब उस पैसे को उत्पादन या सेवाओं में लगाएगा, तो सेवा क्षेत्र का विकास होगा और जब सेवाएँ बढ़ेंगी, तो और लोगों को रोजगार मिलेगा। इस प्रकार दोनों एक-दूसरे को मजबूत बनाते हैं।

⪼ आर्थिक विकास को तीन क्षेत्र में बांटा गया है

(i) प्राथमिक क्षेत्र :- प्राथमिक क्षेत्र को कृषि क्षेत्र कहते है। इसके अंतर्गत कृषि, पशुपालन, मछली पालन आदि व्यवसाय आता है। भारत एक कृषि प्रधान देश है। कृषि क्षेत्र पर कुल जनसंख्या का लगभग 67 प्रतिशत बोझ है। कृषि क्षेत्र में ‘छिपी हुई बेराजगारी‘ पाई जाती है। यह सबसे ज्यादा रोजगार देता है, लेकिन इससे GDP कम मिलता है।

(ii) द्वितीयक क्षेत्र :- द्वितीयक क्षेत्र को औद्योगिक क्षेत्र कहते है। इसके अंतर्गत निर्माण या उद्योग कार्य आता है। रोजगार का दूसरा क्षेत्र ‘उद्योग क्षेत्र’ है। देश की औद्योगिक विकास की गति में तेज़ी आने के द्वारा ही औद्योगिक क्षेत्र में रोजगार की वृद्धि होती है।

Read Also:- rojgar evam sevaye Objective Question & Notes

(iii) तृतीयक क्षेत्र :- तृतीयक क्षेत्र को सेवा क्षेत्र कहते है। इसके अंतर्गत बैंक, बीमा, परिवहन, संचार, व्यापार आदि व्यवसाय आता है। आर्थिक उदारीकरण और वैश्वीकरण के कारण सेवा क्षेत्र बहुत तेजी से बढ़ा है। और अब यह रोजगार का बड़ा स्रोत बन चुका है।

➢ भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में सेवा क्षेत्र का योगदान 50% से भी ज्यादा हो चुका है। 2006-07 के आँकड़ों के अनुसार कृषि से 18.5%, उद्योग से 26.4% और सेवा क्षेत्र से 55.1% GDP प्राप्त होता है।

⪼ सेवा क्षेत्र को दो भाग में बांटा गया है

(i) सरकारी सेवा :- जब सरकार लोगों को काम के बदले मासिक वेतन देती है, तो उसे सरकारी सेवा कहा जाता है। और सरकारी कर्मचारी राज्य या देश के लिए काम करते हैं। जैसे– सैन्य सेवा, शिक्षा सेवा, स्वास्थ्य सेवा (सरकारी अस्पताल), वित्त सेवा (सरकारी खजाना, टैक्स विभाग), बैंकिंग सेवा

(ii) गैर सरकारी सेवा :- जब सरकार अपने कार्यक्रमों को गैर सरकारी संस्थाओं (निजी कंपनियाँ) के जरिए लोगों तक पहुँचाती है, या लोग स्वयं का रोजगार शुरू करते हैं, तो उसे गैर सरकारी सेवा कहते हैं। जैसे– निजी बैंक (HDFC, ICICI), दूरसंचार सेवाएँ (Jio, Airtel), निजी अस्पताल, यातायात सेवा (Ola, Uber, निजी बसें) आदि

👉 कुछ सेवाएँ ऐसी होती हैं जो सरकारी और गैर सरकारी दोनों रूपों में उपलब्ध होती हैं। जैसे– यातायात सेवाएँ, शिक्षा सेवाएँ, स्वास्थ्य सेवाएँ, दूरसंचार सेवाएँ, बैंकिंग सेवाएँ इत्यादि

सेवा क्षेत्र का महत्त्व

(i) सेवा और रोजगार एक-दूसरे के पूरक हैं।
(ii) सेवा क्षेत्र जितना बढ़ेगा, रोजगार उतना ही बढ़ेगा।
(iii) सेवा क्षेत्र में गुणवत्ता और कौशल से रोजगार बढ़ता है।
(iv) वस्तु की गुणवत्ता बढ़ने से उसकी अधिक कीमत मिलती है, और उत्पाद में गुणवत्ता के इस वृद्धि को Value Added कहते हैं।

रोजगार के रूप में सेवा क्षेत्र की भूमिका

(i) सरकारी या गैर सरकारी सेवा, दोनों में रोजगार के अवसर होते हैं।
(ii) जनसंख्या बढ़ने से लोगों की ज़रूरतें बढ़ रही हैं, इसलिए नई सेवाएँ बन रही हैं।
(iii) जरूरतें पूरी करने के लिए नए-नए उद्योग और कारखाने खुल रहे हैं।
(iv) इन उद्योगों को चलाने के लिए प्रशिक्षित लोग, अर्ध-प्रशिक्षित लोग, और अप्रशिक्षित लोग चाहिए।

रोजगार के लिए सरकार के द्वारा चलाई गई योजनाओं और प्रारंभ होने का वर्ष

(i) काम के बदले अनाज (14 नवंबर 2004)
(ii) राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम (1980)
(iii) ग्रामीण युवा स्वरोजगार प्रशिक्षण का कार्यक्रम (1979)
(iv) ग्रामीण भूमिहीन रोजगार गारंटी कार्यक्रम (1983)
(v) समेकित ग्रामीण विकास कार्यक्रम (20 अक्टूबर 1980)
(vi) जवाहर रोजगार योजना (1989)
(vii) स्वयं सहायता समूह (1990)
(v) नरेगा (2006) = नरेगा का नाम मनरेगा 2009 में किया गया।
(vi) इंदिरा आवास योजना (1985)

भारत विश्व सेवा प्रदाता के रूप में

☞ इंग्लैंड की स्वास्थ्य और परिवहन सेवाओं में तथा अमेरिका के अंतरिक्ष विज्ञान और आईटी (सूचना तकनीक) में भारतीयों का महत्वपूर्ण योगदान है। पहले ज्यादा जनसंख्या को देश पर बोझ माना जाता था। लेकिन अब लोगों में ज्ञान और कौशल बढ़ा है, और वह मानव पूंजी बन गए है।

⪼ भारत को आज अग्रणी युवा देश (World’s Leading Youth Country) कहा जाता है, क्योंकि यहाँ युवा आबादी सबसे ज्यादा है। और ये युवा देश की तरक्की में योगदान दे रहे हैं।

प्रश्न 4. बाह्य स्त्रोती (Out-Sourcing) किसे कहते है?
उत्तर– जब कोई विदेशी कंपनी अपने कुछ काम (जैसे कस्टमर सेवा) किसी दूसरे देश की कंपनी या संस्था से करवाती है, तो ऐसी सेवाओं को बाह्य स्त्रोती कहते हैं।

➢ विदेशी कंपनियाँ भारत में कस्टमर सर्विस कॉल सेंटर खोल रही हैं, क्योंकि यहाँ अच्छी अंग्रेजी बोलने वाले सस्ते कर्मचारी मिलते हैं।

⪼ भारत के पिछड़े राज्य को बीमारू (BIMARU = बिहार, मध्यप्रदेश, राजस्थान, उड़ीसा) के नाम से जाना जाता है।

Read Also:- Ncert Class 10th rojgar evam sevaye

प्रश्न 5. आधारभूत ढांचा किसे कहते है?
उत्तर– वे सेवाएं या सुविधाएं, जो देश के आर्थिक विकास में सहायता प्रदान करता है, उसे आधारभूत ढांचा कहते है। आधारभूत ढांचा को दो भाग में बांटा जाता है।

(i) आर्थिक आधारभूत ढांचा :- आर्थिक आधारभूत ढांचा में वित्त (बैंकिंग, बीमा), ऊर्जा (कोयला, पेट्रोलियम), यातायात (रेलवे, सड़क, वायुयान), संचार (डाक, टेलीफोन, मीडिया) आदि आता है।

(ii) गैर-आर्थिक आधारभूत ढांचा :- गैर-आर्थिक आधारभूत ढांचा में शिक्षा, नागरिक सेवा, स्वास्थ्य आदि आता है।

☞ मानव पूंजी के प्रमुख घटक भोजन, वस्त्र, आवास, स्वास्थ्य एवं शिक्षा है।

मानव पूंजी का मतलब :- एक देश के पास मौजूद शिक्षित, कुशल, अनुभवी और प्रशिक्षित लोगों का समूह को मानव पूँजी कहते है। जैसे: डॉक्टर, वैज्ञानिक, इंजीनियर, शिक्षक आदि।

मानव पूंजी निर्माण का अर्थ :- ज्यादा से ज्यादा लोगों को शिक्षा, कौशल और प्रशिक्षण देना, ताकि वे देश की प्रगति में योगदान दे सकें। और मानव पूंजी में निवेश जरूरी है, क्योंकि ये लोग आगे चलकर और ज्यादा मानव पूंजी तैयार करते हैं।

☞ भारत के बेंगलुरु, पुणे, मुंबई, हैदराबाद, दिल्ली आदि शहर IT (Information Technology) के मुख्य केंद्र बन गए हैं।

आधुनिक मंदी और सेवा क्षेत्र पर प्रभाव

⪼ जब देश की अर्थव्यवस्था धीमी हो जाए, व्यापार घटने लगे, उत्पादन रुक जाए और लोग बेरोजगार हो जाए, तो ऐसी स्थिति को मंदी कहते हैं। भारत में मंदी का असर कम रहा, क्योंकि यहाँ का आईटी सेक्टर और पूंजी बाजार (Stock Market) मजबूत है। भारत के इंजीनियर आज भी आउटसोर्सिंग के ज़रिए काम कर रहे हैं।

JOIN NOW

दोस्तों उम्मीद करता हूं कि ऊपर दिए गए कक्षा 10वीं के अर्थशास्त्र के पाठ 05 रोजगार एवं सेवाएं (rojgar evam sevaye) का नोट्स और उसका प्रश्न को पढ़कर आपको कैसा लगा, कॉमेंट करके जरूर बताएं। धन्यवाद !

Leave a Comment

error: Content is protected !!