आज के इस पोस्ट में हमलोग कक्षा 6वीं इतिहास का पाठ ‘प्रारंभिक राज्य’ का नोट्स को देखने वाले है। Prarambhik Rajya
प्रारंभिक राज्य |
महाजनपदों का विकास
(i) वैदिक काल में जो जनपद प्रसिद्ध हो गए, उसे महाजनपद कहा जाने लगा।
(ii) बौद्ध एवं जैन ग्रन्थ से 16 महाजनपद के बारे में पता चलता है। जिसमें अंग, मगध, काशी, कोशल, वत्स, अवंति, वज्जि तथा मल्ल आदि थे।
(iii) कुछ महाजनपदों में राजतंत्रात्मक तथा कुछ में गणतंत्रात्मक शासन व्यवस्था था।
(iv) राजा, सेना तथा राजा के कर्मचारी राजधानी में रहते थे, तथा अन्य राजा के आक्रमण के डर से राजधानी की किलेबंदी की जाती थी।
(v) महाजनपद के राजा किसान, कारीगर, व्यापारी, पशुपालक आदि से कर लेते थे। तथा इन करो का उपयोग राजा अपने कर्मचारी को वेतन देने में करता था।
मगध का उत्थान
(i) मगध का फैलाव बिहार के पटना से गया तक था। तथा मगध के निकट लोहे के खाने थी, जिससे अच्छे हथियार बनाए जाते थे।
(ii) मगध, गंगा नदी के किनारे होने के कारण अधिक उपजाऊ था। तथा मगध की दोनों राजधानी राजगीर पहाड़ियों से एवं पाटलिपुत्र नदियों से घिरा था।
(iii) मगध का प्रथम शासक बिम्बिसार था। इसने अपनी स्थिति को मजबूत करने लिए कोशल और लिच्छवी राजवंश के साथ वैवाहिक संबंध स्थापित किए। तथा अंग महाजनपद पर हमला कर उसे अपने राज्य में मिला लिया।
(iv) बिम्बिसार का पुत्र अजातशत्रु था। इसने कोशल के राजा प्रसेनजीत को हराकर काशी प्राप्त किया। तथा अपने मंत्री वस्सकार की सहायता से वज्जिसंघ के सदस्यों में फूट डालकर उनकी शक्ति को कमजोर किया।
(v) अजातशत्रु ने अपनी राजधानी राजगीर (राजगृह) की किलेबंदी करवाई। तथा पाटलिपुत्र में सैनिक छावनी (सेना का रहने का जगह) का निर्माण करवाया। और पाटलीग्राम की स्थापना अजातशत्रु ने की।
(vi) अजातशत्रु के बाद उदयिन मगध का राजा बना। और इसने पाटलिपुत्र को अपनी राजधानी बनाया। और इस समय अवंति का राजा चंद्र प्रदयोत था।
(vii) मगध के अंतिम शासक धनानंद के समय यूनानी विजेता सिकंदर ने भारत पर आक्रमण किया। लेकिन सिकंदर की सेना ने मगध की विशाल सेना के कारण आक्रमण करने से इनकार कर दिया।
गणराज्य
(i) शाक्य, लिच्छवी, वज्जि, मल्ल, कोलिय, मोरिय आदि गणराज्य थे।
(ii) मगध के निकट वज्जि था, और इसकी राजधानी वैशाली थी। वज्जि संघ में आठ गणों का संघ था। वज्जि संघ में लिच्छवी एक प्रमुख गण था।
(iii) बिम्बिसार के समय लिच्छवी का राजा चेटक था। चेटक ने अपनी पुत्री का विवाह बिम्बिसार से करवाया था।
नगरों का विकास
(i) सिंधु सभ्यता को प्रथम नगरीकरण कहा जाता है।
(ii) पाली ग्रंथों से द्वितीय नगरों के विकास के बारे में पता चलता है। इसमें 62 नगरों के बारे में प्रमाण मिला है, जिसमें वाराणसी, वैशाली, चंपा, राजगीर, पाटलिपुत्र आदि थे।
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दोस्तों उम्मीद करता हूं कि ऊपर दिए गए कक्षा 6वीं के इतिहास के पाठ 07 प्रारंभिक राज्य (Prarambhik Rajya) का नोट्स और उसका प्रश्न को पढ़कर आपको कैसा लगा, कॉमेंट करके जरूर बताएं। धन्यवाद !