आज के इस पोस्ट में हमलोग कक्षा 9वीं राजनीतिक विज्ञान का पाठ ‘लोकतंत्र का क्रमिक विकास’ का नोट्स को देखने वाले है। loktantra ka kramik vikas
लोकतंत्र का क्रमिक विकास |
प्रश्न 1. राजनीतिक विज्ञान किसे कहते है?
उत्तर– राजनीतिक विज्ञान, सामाजिक विज्ञान की वह शाखा है, जिसके अंतर्गत संविधान, मौलिक अधिकार तथा मौलिक कर्तव्यों के बारे में अध्ययन करते है।
👉 राजनीतिक विज्ञान के पिता अरस्तू को कहा जाता है।
☞ लोकतंत्र (Democracy) = डेमोस (जनता) + क्रेशिया (शासन) । लोकतंत्र का शाब्दिक अर्थ “ जनता का शासन”।
प्रश्न 2. लोकतंत्र किसे कहते है?
उत्तर– जनता का, जनता के लिए और जनता के द्वारा चलाया गया शासन व्यवस्था को लोकतंत्र कहते है। लोकतंत्र की यह परिभाषा अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने दिया था।
या
⪼ लोकतंत्र शासन का एक ऐसा रूप है, जिसमें शासकों का चुनाव लोग करते हैं।
(i) प्रत्यक्ष लोकतंत्र:- वैसा लोकतंत्र जिसमें जनता सीधे सरकार को चुनती है उसे प्रत्यक्ष लोकतंत्र कहा जाता है। उदहारण:- स्विटजरलैंड
(ii) अप्रत्यक्ष लोकतंत्र:- ऐसा लोकतंत्र जिसमें जनता अपने प्रतिनिधि के माध्यम से सरकार को चुनती है उसे अप्रत्यक्ष लोकतंत्र कहा जाता है।
उदहारण:- भारत
प्रश्न 3. धर्मनिरपेक्ष किसे कहते है?
उत्तर– जब कोई देश किसी विशेष धर्म या समुदाय को बढ़ावा न देकर, सभी धर्म को बराबर दृष्टिकोण से देखता है, तो उसे धर्मनिरपेक्ष कहते है।
👉 भारत एक लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष देश है। और यह अप्रत्यक्ष लोकतंत्र है।
चिली में लोकतंत्र हेतु संघर्ष
(i) चिली, दक्षिण अमेरिका महाद्वीप का एक देश है, जिसकी राजधानी सेंटियागो है। यह देश स्पेन से 1810 ई. में आजाद हुआ था। यहां की प्रमुख भाषा स्पेनिश है।
(ii) सल्वाडोर आयेंदे ने चिली में सोशलिष्ट पार्टी की स्थापना की और उसके बाद 1970 में राष्ट्रपति के चुनाव में ‘पोपुलर यूनिटी‘ नामक गठबंधन का नेतृत्व किया।
(iii) इसके बाद 3 नवंबर 1970 को सल्वाडोर आयेंदे चिली के राष्ट्रपति बने। राष्ट्रपति बनने के बाद आयेंदे ने गरीब, किसान, मजदूर, बच्चे, महिलाओं, इत्यादि के लिए अनेक कार्य किए।
(iv) उस समय चिली की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी क्योंकि विदेशी कंपनियां देश के प्राकृतिक संसाधनों का बड़े पैमाने पर दोहन कर मुनाफा कमा रही थी। तब आयेंदे ने उन विदेशी कंपनियों का विरोध किया।
(v) इसके बाद चिली के सैन्य अधिकारी, चर्च, जमींदार, अमीर लोग तथा विरोधी राजनीतिक दलों आदि ने मिलकर राष्ट्रपति का विरोध किया तथा उनके विरुद्ध षड्यंत्र करना शुरू कर दिया।
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(vi) इसके बाद 11 सितंबर 1973 को नौसेना के एक समूह ने अगस्तो पिनोशे के नेतृत्व में एक प्रमुख बंदरगाह पर कब्जा कर देश के रक्षा मंत्री को गिरफ्तार कर लिया और आयेंदे को राष्ट्रपति के पद छोड़ने को कहा। बाद में राष्ट्रपति सल्वाडोर आयेंदे की हत्या कर दी। तथा इनकी बेटी और परिवार वालों को जेल में डाल दिया गया।
(vii) 11 सितंबर 1973 को अगस्तो पिनोशे ने अमेरिका की सहायता से चिली की सत्ता पर अधिकार कर लिया। इस घटना को ‘सैनिक तख्तापलट’ कहा जाता है। इस तरह 17 वर्षों तक चिली में सैनिक सरकार का शासन था।
(viii) अंततः 1988 में वहां जनमत संग्रह हुआ जिसमें वहां की जनता ने सैनिक सरकार को भारी बहुमत से ठुकरा दिया। और इस प्रकार चिली में लोकतंत्र की पुनर्स्थापना हुई।
👉 वर्ष 2006 के जनवरी में राष्ट्रपति के चुनाव में चिली के पूर्व वायुसेना प्रमुख अलबर्टो वेशेले (जिनकी हत्या 1973 में हुए विद्रोह के दौरान कर दी गयी थी) की पुत्री मिशेल वैशले विजयी रहीं। आज चिली एक लोकतांत्रिक देश है।
पोलैंड में लोकतंत्र हेतु संघर्ष
(i) पोलैंड यूरोप महादेश में स्थित एक देश है, जिसकी राजधानी वर्षा है।
(ii) उस समय पोलैंड में वोज्शीएक जारूजेलस्की के नेतृत्व में ‘पोलिस यूनाइटेड वर्कर्स पार्टी’ का साम्यवादी शासन था। वहां किसी अन्य राजनीतिक दल को राजनीति में भाग लेने की अनुमति नहीं थी।
(iii) 14 अगस्त 1980 को पोलैंड के गडास्क शहर में स्थित ‘लेनिन जहाज कारखाना‘ में एक महिला कर्मचारी को गलत ढंग से नौकरी से निकाल दिए जाने के कारण वहां के मजदूरों ने हड़ताल कर दी।
मजदूरों की मांग
- उस महिला कर्मचारी को काम पर वापस लिया जाए।
- देश में स्वतंत्र मजदूर संघ को मान्यता मिले।
- राजनैतिक बंदियों को रिहा किया जाए।
- प्रेस पर लगी सेंसरशिप हटाई जाए।
(iv) इसी कारखाना से निकाला गया एक इलेक्ट्रिशियन ‘लेक वालेसा‘ हड़ताली कर्मचारियों का नेता बन गया। और धीरे-धीरे हड़ताल पूरे शहर में फैल गया तथा इसके समर्थकों की संख्या भी बहुत तेजी से बढ़ने लगी।
(v) अंत में सरकार को झुकना पड़ा और लेक वालेसा के नेतृत्व में मजदूरों ने सरकार के साथ 21 सूत्रीं समझौता किया यह समझौता ‘गडांस्क संधि‘ कहलाई।
(vi) इस संधि के बाद मजदूर संघ की लोकप्रियता पूरे पोलैंड में बढ़ गई। इस मजदूर संघ का नाम सोलिडरनोस्क (सोलिडेरिटी) का रखा गया।
(vii) पोलैंड की साम्यवादी सरकार के कुप्रबंध और भ्रष्टाचार भी सामने आने लगे। धीरे-धीरे पोलैंड की अर्थव्यवस्था में गिरावट होने लगा। तब लेक वालेसा ने पुनः आंदोलन किया और अंततः पोलैंड की साम्यवादी सरकार को झुकना पड़ा।
(viii) 1989 में पुनः सरकार और लेक वेलेसा के बीच एक समझौता हुआ, जिसके अनुसार पोलैंड में बहुदलीय स्वतंत्र चुनाव हुए।
(ix) 1990 के चुनाव में पोलैंड में लेक वेलेसा को बहुमत प्राप्त हुआ और वे देश के पहले निर्वाचित राष्ट्रपति बने।
चिल्ली तथा पोलैंड में शासन में अंतर
(i) चिली में सैनीक शासन था, जबकि पोलैंड में एक पार्टी का शासन था।
(ii) दोनों ही देशों में शासकों का चुनाव जनता अपनी इच्छा से नहीं कर सकते थे।
(iii) दोनों ही देशों में जनता को सरकार के समक्ष अपने विचार व्यक्त करने, संगठन बनाने, विरोध करने तथा राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेने की स्वतंत्रता नहीं थी।
लोकतंत्र की विशेषताएं
(i) लोकतंत्र में लोग अपनी मर्जी की सरकार चुनते है।
(ii) सिर्फ लोगों द्वारा चुने गए नेताओं को ही देश पर शासन करने और अंतिम निर्णय लेने का अधिकार है।
(iii) लोकतंत्र में लोगों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता होती है।
(iv) लोकतांत्रिक देशों में लोगों को विरोध करने की आजादी होती है।
(v) लोगों को संगठन बनाने का अधिकार भी होता है।
(vi) लोकतंत्र निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनावों पर आधारित होना चाहिए ताकि सत्ता में बैठे लोगों के लिए जीत-हार के समान अवसर मिल सके।
(vii) लोकतंत्र में हर वयस्क नागरिक का एक वोट होना चाहिए और हर वोट का एक समान मूल्य होना चाहिए।
(viii) लोकतांत्रिक सरकार संवैधानिक कानूनों और नागरिक अधिकारों द्वारा खींची लक्ष्मण रेखाओं के भीतर ही काम करती है।
लिच्छवी गणतंत्र
👉 बुद्ध के समय में (छठी शताब्दी ई०पू० में) कई गणराज्य ऐसे थे, जहाँ लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था थी। ऐसे गणराज्यों में कपिलवस्तु के शाक्य, कुशीनारा एवं पावा के मल्ल, मिथिला के विदेह और बिहार के लिच्छवी गणराज्य था।
>> लिच्छवी गणतंत्र की शासन व्यवस्था लोकतंत्र के नियमों पर आधारित थी, इसलिए इसे भारत में आधुनिक लोकतंत्र का उद्गमस्थल कहा जाता है। लिच्छवी गणतंत्र की राजधानी वैशाली थी, और इसका संस्थापक राजा विशाल थे। वर्तमान में वैशाली बिहार का एक जिला मात्र है।
लोकतंत्र के खिलाफ़ तर्क
(i) लोकतंत्र में नेता बदलते रहते हैं। इससे अस्थिरता पैदा होती है।
(ii) लोकतंत्र का मतलब सिर्फ राजनैतिक लड़ाई और सत्ता का खेल है। यहाँ नैतिकता की कोई जगह नहीं होती।
(iii) लोकतांत्रिक व्यवस्था में इतने सारे लोगों से बहस और चर्चा करनी पड़ती है कि हर फ़ैसले में देरी होती है।
(iv) चुने हुए नेताओं को लोगों के हितों का पता ही नहीं होता। इसके चलते खराब फ़ैसले होते हैं।
(v) लोकतंत्र में चुनावी लड़ाई महत्त्वपूर्ण और खर्चीली होती है, इसीलिए इसमें भ्रष्टाचार होता है।
लोकतंत्र के पक्ष में तर्क
(i) लोकतांत्रिक शासन पद्धति दूसरों से बेहतर है, क्योंकि यह शासन का अधिक ज़वाबदेही वाला स्वरूप है।
(ii) लोकतंत्र बेहतर निर्णय लेने की संभावना बढाता है। क्योंकि यह सारे लोगों से बहस और चर्चा करके निर्णय लेता है।
(iii) लोकतंत्र मतभेदों और टकरावों को संभालने का तरीका उपलब्ध कराता है।
(iv) लोकतंत्र नागरिकों का सम्मान बढ़ाता है।
(v) लोकतांत्रिक व्यवस्था दूसरों से बेहतर है, क्योंकि इसमें हमें अपनी गलती ठीक करने का अवसर भी मिलता है।
👉 लोकतंत्र का वृहत्तर का अर्थ एक ऐसी शासन प्रणाली से है, जिसमें सभी नागरिक को चाहे वह शक्तिशाली हो या कमजोर उसकी बात का समान महत्व दिया जाता है।
लोकतंत्र के विस्तार के विभिन्न चरण
प्रारम्भिक चरण :- आधुनिक विश्व में सन् 1789 ई. में हुए फ्रांसीसी क्रांति से लोकतंत्र की स्थापना एवं विस्तार की शुरूआत होती है। इस क्रांति ने लोकतंत्र के तीन तत्त्वों को स्थापित किया- स्वतंत्रता, समानता एवं भातृत्व। फ्रांस की क्रांति के बाद लोकतंत्र का विचार अन्य देशों में फैलने लगा।
☞ ब्रिटेन में लोकतंत्र का विचार फ्रांसीसी क्रांति से पहले ही फैलने लगी थी। लेकिन ब्रिटेन में 1688 के गौरवपूर्ण क्रांति के बाद लोकतंत्र का विचार तेजी से फैला।
⪼ अमेरिका, ब्रिटेन से 1776 ईस्वी में स्वतंत्र हुआ और 1789 ईस्वी में अमेरिका में एक लोकतांत्रिक संविधान को लागू किया गया।
➣ 1900 ई. तक न्यूजीलैण्ड को छोड़कर किसी देश में जनता को सार्वभौम वयस्क मताधिकार प्राप्त नहीं था। न्यूजीलैण्ड में 1893 ई. में जनता को सार्वजनिक वयस्क मताधिकार प्राप्त हो गया था।
☞ 2015 तक सऊदी अरब में औरतों को वोट देने का अधिकार नहीं था। फिजी देश में वहाँ के मूल वासियों के वोट का महत्त्व भारतीय मूल वासियों के वोट से ज़्यादा है।
उपनिवेशवाद का अंत
👉 ऐशिया और अफ्रीका के अधिकांश देश यूरोपीय राष्ट्रों के उपनिवेश थे। और इन उपनिवेश के नागरिकों को कोई राजनीतिक अधिकार प्राप्त नहीं था।
⪼ अतः इन देशों की जनता ने अपने-अपने देशों में लोकतंत्र की स्थापना के लिए संघर्ष करना शुरू कर दिया। और भारत 1947 ई. में स्वतंत्र हुआ तथा यहां लोकतंत्र की स्थापना हुई।
घाना में लोकतंत्र का खात्मा
(i) घाना, पश्चिम अफ्रीका का एक देश है। जो पहले ब्रिटेन का उपनिवेश था और इसका नाम गोल्डकोस्ट था।
(ii) यहां के लोगों ने राजनैतिक अधिकार हेतु आंदोलन करना शुरू किया। इस आंदोलन का नेता एक सुनार के पुत्र और शिक्षक ‘लामे एनक्रूमा‘ थे।
(iii) लामे एनक्रूमा के नेतृत्व में घाना 1957 ई. में आजाद हुआ। आजादी के बाद लामे एनक्रूमा घाना के प्रधानमंत्री एवं फिर राष्ट्रपति चुने गए। इस प्रकार यहां लोकतंत्र की स्थापना हुई।
(iv) लेकिन यहाँ लोकतंत्र अधिक दिनों तक स्थिर नहीं रहा, क्योंकि लामे एनक्रूमा ने अपने आपको आजीवन राष्ट्रपति के रूप में चुनवा लिया।
(v) तब सेना ने 1966 ई. में घाना के लामे एनक्रूमा सरकार का तख्ता पलट दिया गया और इस तरह घाना में लोकतंत्र का खात्मा हुआ।
☞ 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद सोवियत संघ के कुल 15 गणराज्य भी स्वतंत्र हो गये। इनमें अधिकांश देशों ने लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था अपनाया। इस प्रकार सोवियत संघ के पतन के बाद दुनिया के नक्शे में बहुत बड़ा परिवर्तन हुआ।
नेपाल में लोकतंत्र की स्थापना, समाप्त तथा पुर्नस्थापना
(i) 1948 में नेपाल का पहला संविधान बना। इस संविधान के द्वारा राजा ही नेपाल का वास्तविक शासक था।
(ii) 1959 में राजा महेन्द्र ने एक नया संविधान लागू किया और संसद के लिए पहली बार चुनाव हुए।
(iii) लेकिन बाद में 1962 ईस्वी में राजा महेन्द्र ने देश में लोकतंत्र को समाप्त कर दिया।
(iv) तब नेपाल में जन आन्दोलन के कारण मई, 2008 में संविधान सभा का चुनाव कराया गया एवं नेपाल में प्रथम गणतंत्र के राष्ट्रपति डॉ० रामबर्द्धन यादव एवं प्रधानमंत्री ‘प्रचंड’ हुए। इस प्रकार नेपाल में लोकतंत्र की स्थापना हुई।
(v) 24 अप्रैल 2006 का दिन सदा याद रहेगा, क्योंकि इसी दिन नेपाल नरेश ज्ञानेंद्र ने संसद को बहालकर सत्ता सात राजनीतिक दलों के गठबंधन को सौपने की घोषणा की थी
पाकिस्तान
(i) जनरल जिया उल हक की मृत्यु के बाद 1990 ईस्वी में पाकिस्तान में एक बार पुनः लोकतंत्र की स्थापना हुई।
(ii) लेकिन 1999 में जनरल परवेज मुशर्रफ ने प्रधानमंत्री नवाजशरीफ का तख्तापलट करते हुए सैनिक शासन की स्थापना की। और खुद को राष्ट्रपति घोषित कर दिया। और अगस्त 2002 में उन्होंने ‘लीगल फ्रेमवर्क आर्डर‘ के ज़रिए पाकिस्तान के संविधान को बदल डाला।
(iii) अंततः जन आंदोलन के कारण सैनिक शासन को झुकना पड़ा एवं संसद के लिए चुनाव कराने पड़े। 2008 के चुनावों के बाद पाकिस्तान पिपुल्स पार्टी की गठबंधन सरकार सत्ता में आयी।
(iv) इस प्रकार पाकिस्तान में लोकतंत्र की स्थापना हुई। आसिफ अली जरदारी राष्ट्रपति और युसेफ रजा गिलानी प्रधानमंत्री बने। लेकिन वहाँ अभी भी लोकतंत्र को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
म्यांमार
(i) म्यांमार जो पहले बर्मा कहा जाता था। म्यांमार 1948 में औपनिवेशिक शासन से आजाद होकर लोकतंत्र को अपनाया।
(ii) लेकिन 1962 से सैनिक तख्तापलट से लोकतंत्र का अंत हो गया। फिर 1990 में लगभग 30 वर्षों के बाद पहली बार चुनाव कराये गए।
(iii) इन चुनावों में आंग सान सूची की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी पार्टी ने भारी बहुमत प्राप्त किया, परन्तु फौजी शासकों ने सत्ता छोड़ने से इंकार कर दिया
(iv) आंग सान सूची के संघर्ष को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली है। उन्हें नोबल शांति पुरस्कार भी मिला।
(v) म्यांमार में सैन्य शासन है, लेकिन वह दिन दूर नहीं है जब म्यांमार में भी लोकतंत्र की पुनर्स्थापना होगी।
स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावी मुकाबला
(i) चीन की संसद को कवांगुओ रेममिन दाइवियाओ दाहुई (राष्ट्रीय जन संसद) कहते हैं।
(ii) चीन में पाँच वर्ष बाद नियमित रूप से चुनाव होते हैं। इस संसद को देश का राष्ट्रपति नियुक्त करने का अधिकार है।
(iii) इसमें पूरे चीन से करीब 3000 सदस्य आते हैं। कुछ सदस्यों का चुनाव सेना भी करती है।
(iv) चुनाव लड़ने से पहले सभी उम्मीदवारों को चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से मंजूरी लेनी होती है। इसलिए यहां सरकार हमेशा कम्युनिस्ट पार्टी की ही बनती है।
मैक्सिको
(i) 1930 ईस्वी में आज़ाद होने के बाद से मैक्सिको में हर छः वर्ष बाद राष्ट्रपति चुनने के लिए चुनाव कराए जाते हैं।
(ii) मैक्सिको में कभी भी फ़ौजी शासन या तानाशाही नहीं आई। लेकिन सन् 1930 से 2000 तक हर चुनाव में पीआरआई (इंस्टीट्यूशनल रिवोल्यूशनरी पार्टी) नाम की एक पार्टी ही जीतती थी।
(iii) इसका मुख्य कारण सरकारी कर्मचारी और छात्रों के माता-पिता को जबरदस्ती PRI पार्टी को वोट देने को कहा जाता था, तथा मीडिया पर भी इस पार्टी का नियंत्रण था।
कानून का राज और अधिकारों का आदर
⪼ जिंबाब्वे देश में 1980 में आजादी प्राप्त होने के बाद से ज्यादातर समय तक रॉबर्ट मुगाबे का शासन चलता रहा था। रॉबर्ट मुगाबे एक लोकप्रिय नेता थे, परंतु चुनाव जीतने के लिए हर प्रकार से मीडिया और हर उस संस्था को दबाया जिन्होंने उनकी सरकार का विरोध किया। 2017 ईस्वी में रॉबर्ट मुगाबे को राष्ट्रपति के पद पर से हटा दिया गया।
☞ एशिया के पांच गैर लोकतांत्रिक देश है
(i) चीन (साम्यवादी शासन)
(ii) वियतनाम (साम्यवादी शासन)
(iii) सऊदी अरब (राजतंत्रात्मक शासन)
(iv) उत्तर कोरिया (तानाशाही शासन)
(v) म्यांमार (सैनिक शासन)
वैश्विक स्तर पर लोकतंत्र
(i) संयुक्त राष्ट्र की स्थापना 1945 में हुई थी। वर्तमान में 192 देश इसके सदस्य हैं।
(ii) इस संगठन के छः मुख्य अंग हैं- महासभा, सुरक्षा परिषद्, आर्थिक और सामाजिक परिषद, न्यास परिषद, न्याय का अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय एवं सचिवालय।
(iii) महासभा, संसद के जैसी है, जिसमें किसी भी अन्तर्राष्ट्रीय समस्या पर विचार विमर्श किया जाता है।
(iv) महासभा में सभी 192 सदस्य देशों को एक-एक वोट देने का अधिकार है। सभी निर्णय बहुमत के आधार पर लिये जाते हैं। इस प्रकार हम महासभा के संगठन को लोकतांत्रिक कह सकते हैं।
(v) सुरक्षा परिषद में 15 सदस्य होते हैं, इनमें पाँच स्थायी एवं दस अस्थायी होते हैं। स्थायी सदस्य हैं-अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन।
(vi) दस अस्थायी सदस्यों का चुनाव महासभा दो वर्षों के लिए करती है। सभी स्थायी सदस्यों को वीटो अधिकार मिला है। अगर कोई भी स्थायी सदस्य देश इस अधिकार का प्रयोग करता है तो सुरक्षा परिषद् उसकी मर्जी के खिलाफ फैसला नही कर सकती।
(vii) आर्थिक एवं सामाजिक परिषद विभिन्न देशों के बीच आर्थिक एवं सामाजिक क्षेत्र में सहयोग की स्थापना को प्रोत्साहित करती है। इसकी सदस्य संख्या 54 है।
(viii) अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय संयुक्त राष्ट्र का एक ऐसा अंग है, जो विभिन्न देशों के बीच के विवादों का न्यायिक समाधान प्रस्तुत करता है। इसमें कुल 15 न्यायाधीश होते हैं।
(ix) संयुक्त राष्ट्र का एक अपना सचिवालय है जो अमेरिका के न्यूयार्क में स्थित है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव इसके मुख्य प्रशासनिक अधिकारी होते हैं।
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दोस्तों उम्मीद करता हूं कि ऊपर दिए गए कक्षा 9वीं के राजनीतिक शास्त्र के पाठ 01 लोकतंत्र का क्रमिक विकास (loktantra ka kramik vikas) का नोट्स और उसका प्रश्न को पढ़कर आपको कैसा लगा, कॉमेंट करके जरूर बताएं। धन्यवाद !