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Bihar Board Class 8th Science Notes Chapter 7 सूक्ष्‍मजीवों का संसार | sukshmjivo ka sansar Ncert Notes & Objective Question

आज के इस पोस्ट में हमलोग कक्षा 8वीं विज्ञान का पाठ ‘सूक्ष्‍मजीवों का संसार : सूक्ष्मदर्शी दूारा आँखो देखा’ का नोट्स को देखने वाले है। sukshmjivo ka sansar

Bihar Board Class 8th Science Notes Chapter 7 सूक्ष्‍मजीवों का संसार | sukshmjivo ka sansar Ncert Notes & Objective Question

सूक्ष्‍मजीवों का संसार 

प्रश्न 1. सूक्ष्मजीव किसे कहते है?
उत्तर– वैसे जीव जिन्हें हम अपनी नगी आँखो से नहीं देख सकते है, उसे सूक्ष्मजीव कहते है।

प्रश्न 2. सूक्ष्मदर्शी (Microscope) किसे कहते है?
उत्तर– सूक्ष्मदर्शी एक ऐसा यंत्र है, जिसकी सहायता से हम सूक्ष्मजीव को देखते हैं।

💠 सूक्ष्मदर्शी का खोज डच के रहने वाले एन्टनी वॉन ल्यूवेनहुक ने 1676 ईस्वी में किया। सूक्ष्मदर्शी, सूक्ष्मजीवों को कई गुना बढ़ा करके दिखाता है।

प्रश्न 3. सूक्ष्मजैविकी किसे कहते है?
उत्तर– सूक्ष्मजीवों का अध्ययन को सूक्ष्मजैविकी (Microbiology) कहते है।

👉 रॉबर्ट हुक ने 1665 ईस्वी में मृत कोशिका की खोज की। ल्यूवेनहोएक ने 1676 ईस्वी में बैक्टीरिया का खोज किया। तथा लुई पाश्चर ने 1857 ईस्वी में किण्वन का खोज किया।

प्रश्न 4. वायवीय (ऑक्सी) बैक्टीरिया किसे कहते है?
उत्तर– वैसा बैक्टीरिया जो ऑक्सीजन की उपस्थिति में कार्य करता है, उसे वायवीय बैक्टीरिया कहते है।

प्रश्न 5. अवायवीय (अनॉक्सी) बैक्टीरिया किसे कहते है?
उत्तर– वैसा बैक्टीरिया जो ऑक्सीजन की उपस्थिति में कार्य नहीं करता है, उसे अवायवीय बैक्टीरिया कहते है।

सूक्ष्मजीवों का वर्गीकरण

(i) जीवाणु (Bacteria)
(ii) प्रोटोजोआ (Protozoa)
(iii) कवक (fungi)
(iv) शैवाल (Alage)
(v) विषाणु (Virus)

जीवाणु (बैक्टीरिया)

(i) बैक्टीरिया एक कोशिकीय जीव है। बैक्टीरिया चार प्रकार के होते होते है। बैसिलाई, कोकाई, स्पाइरिला तथा विब्रियो।

(ii) बैसिलस एन्थ्रेसिस नामक बैक्टीरिया के कारण पशुओं और मनुष्यों में एंथ्रेक्स नामक रोग होता है।

(iii) स्ट्रेप्टोकोकस निमोनिया नामक बैक्टीरिया के कारण मनुष्यों में निमोनिया नामक रोग होता है।

(iv) पौधों में बैक्टीरिया के द्वारा होने वाले रोग विल्ट और साइट्रस कैंकर है।

(v) बैक्टीरिया की सहायता से पावरोटी, केक, बिस्कुट, दूध से दही, पनीर तथा शराब आदि बनाया जाता है।

(vi) बैक्टीरिया से अनेक रोग (प्लेग, टायफाइड, टीवी, टिटनेस, निमोनिया) होते है। और यह हमारे पके भोजन को भी खराब करता है।

शैवाल (एल्गी)

(i) शैवाल नदी, तालाब, झील आदि जगहों पर पेड़ के रूप में पाए जाते है। शैवाल एक कोशिकीय और बहुकोशिकीय दोनों होता है।

(ii) शैवाल का बहुत गुण बैक्टीरिया से मिलता है, इसलिए शैवाल को सायनोबैक्टीरिया भी कहते है।

(iii) शैवाल को चार वर्गों में बांटा गया है:- डायटम, हरा शैवाल, भूरा शैवाल, लाल शैवाल। और सभी शैवाल में क्लोरोफिल पाया जाता है।

(iv) शैवाल के कुछ उदाहरण :- क्लेमाइडोमोनस, स्पाइरोगाइरा, हाइड्रा।

(v) कुछ शैवाल (जैसे– क्लोरेला) में पोषक तत्त्व अधिक होता है। और लोग इन्हें खाते भी है।

(vi) डायटम से प्राप्त सिलिका का उपयोग शीशी, चीनी मिट्टी, दंतमंजन, आइस्क्रीम, पॉलिश आदि बनाने में किया जाता है।

कवक (Fungi)

(i) कवक ऐसे जीव होता हैं, जो न तो पौधे होते हैं और न ही जानवर। और यह नमी, मृत और सड़े-गले पदार्थों पर उगते हैं। जैसे– गिला रोटी या ब्रेड

(ii) कवक में हरितलवक नहीं होता है, इसलिए ये प्रकाश संश्लेषण नहीं कर सकते है।

(iii) कवक के कुछ उदाहरण :- यीस्ट, फफूंद, मशरूम, कुकुरमुत्ता।

(iv) यीस्ट एक कोशिकीय जीव है, और इसका उपयोग रोटी, ब्रेड और शराब बनाने में किया जाता है। और पेनिसिलियम नामक कवक से एंटीबायोटिक “पेनिसिलिन” दवाई बनाई जाती है। मशरूम का उपयोग खाने में किया जाता है।

(v) कवक के कारण मनुष्य में दाद, खुजली जैसी चर्मरोग होता है। तथा कवक सामानों पर उगकर खराब करते है।

प्रोटोजोआ

(i) प्रोटोजोआ एक कोशिकीय जीव है। प्रोटोजोआ के कुछ उदाहरण :- अमीबा, पैरामीशियम

(ii) ट्रिपैनोसोमा नामक प्रोटोजोआ के कारण निद्रारोग होता है। और यह सीसी मक्खी के कारण फैलता है। यह अफ्रीकी देश में पाया जाता है।

(iii) प्लैज्मोडियम के कारण मलेरिया रोग होता है। और लिशमैनिया के कारण कालाजार रोग होता है। जो बालू मक्खी के काटने से फैलता है।

👉 लैक्टोबेसिलस सूक्ष्मजीव की सहायता से दूध से दही जमता है।

👉 चेचक के टीके की खोज एडवर्ड जेनर ने 1798 ईस्वी में किया।

पर्यावरण की साफ–सफाई

सूक्ष्मजीव सब्जी या फल के छिलके, कागज, पेड़ की पत्ती, सुखी घास आदि को सड़ा-गला कर खा जाता है, जिसके कारण हमारा पर्यावरण साफ हो जाता है।

मनुष्य में सूक्ष्मजीव जनित रोग

(i) जीवाणु (bacteria)– हैजा, टाइफाइड, प्लेग, निमोनिया इत्यादि।
(ii) परजीवी (Protozoa)– मलेरिया, पायरिया कालाजार इत्यादि।
(iii) कवक (Fungi)– दमा, खाज खुजली, गन्जेपन इत्यादि।
(iv) विषाणु (Virus)– ऐड्स, कोरोना, चेचक, पोलियो इत्यादि।

प्रश्न 3. संचारी रोग किसे कहते है?
उत्तर– ऐसा रोग जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल जाते है, उसे संचारी रोग कहते हैं।
जैसे– एड्स, कोरोना, हैजा इत्यादि

प्रश्न 4. गैरसंचारी रोग किसे कहते है?
उत्तर– ऐसा रोग जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है, उसे गैर संचारी रोग कहते हैं।
जैसे– हृदय रोग, पेट संबंधी रोग इत्यादि

मलेरिया, मलेरिया परजीवी प्लैज्मोडियम के कारण होता है। प्लैज्मोडियम एक प्रोटोजोआ है। मादा एनोफिलिज मच्छर इसका वाहक है।

👉 मादा एडीस मच्छर के काटने से डेंगू होता है।

जब कोई रोग कीटों या जंतुओं के माध्यम से फैलता है, उसे रोगवाहक (vector) कहते है। जैसे– मलेरिया, डेंगू, टाइफाइड आदि।

इन बीमारियों का फैलाव को कैसे रोक।

(i) हम अपने आस-पास की साफ-सफाई पर ध्यान दें।
(ii) कहीं भी पानी का जमाव न होने दें।
(iii) कूड़े-कचड़े का सही तरीके से निपटान करें।
(iv) भोजन, पानी को ढककर रखें।
(v) घर के आस-पास की जगहें जहाँ पानी का जमाव हो जैसे नाला एवं गड्ढों में समय-समय पर किरासन तेल, ब्लिचिंग पाउडर आदि का छिडकाव करना चाहिए।

पौधे तथा जंतुओं में रोगकारक सूक्ष्मजीव

सूक्ष्मजीव के कारण पौधे और जंतुओं में अनेक प्रकार के रोग होते है। जैसे पौधे में – गेंहू का रस्ट, नींबू का कैंसर, भिंडी का पीत रोग। और जंतु में – एंथ्रेक्स।

प्रश्न 5. खाद्य विषाक्तता (Food poisoning) किसे कहते है?
उत्तर– खाद्य विषाक्तता एक प्रकार का बीमारी है, जो खराब खाना खाने से होता है। खराब खाना खाने से उल्टी, डायरिया आदि होता है।

प्रश्न 6. खाद्य परिरक्षण (Food Preservation) किसे कहते है?
उत्तर– खाद्य परिरक्षण एक ऐसी क्रिया है, जो विभिन्न तरीकों से खाद्य पदार्थों को खराब होने या सड़ने से बचाती है। और खाद्य पदार्थों को खराब होने से बचाने के लिए इसे धूप में अच्छी तरीके से सुखाया जाता है। जैसे– आचार, मुरब्बे।

प्रश्न 7. निर्जलीकरण किसे कहते है?
उत्तर– फूलगोभी, मेथी, आलू आदि के टुकड़े को धूप में सुखाकर सूखे डिब्बे में बंद कर दिया जाता है, और जब इन सब्जियों का मौसम नहीं होता है तब इसका उपयोग किया जाता है, जिसे निर्जलीकरण कहते है।

प्रश्न 8. परिरक्षक किसे कहते है?
उत्तर– ऐसे पदार्थ जिसका उपयोग सूक्ष्मजीव के वृद्धि के रोकने के लिए किया जाता है, उसे परिरक्षक कहते है। जैसे– नमक, तेल। और इन पदार्थों का उपयोग कर खाद्य पदार्थों को खराब होने से बचा सकते है।

नमक और चीनी द्वारा परिरक्षण

मांस, मछली, आम, आवंला, इमली के परिरक्षण के लिए नमक का उपयोग किया जाता है। और जैम, जेली आदि के परिरक्षण के लिए चीनी का उपयोग किया जाता है।

गर्म तथा ठंडा करके

खाद्य पदार्थों का परिरक्षण खाना या दूध को ठंडा या गर्म करके कर सकते हैं। खाद्य पदार्थों को परिरक्षण करने के लिए खाना को फ्रिज में रखा जाता है।

पॉश्चरीकरण

पॉश्चरीकरण दूध को सूक्ष्मजीवों से मुक्त करनेवाली प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया में दूध को 70°C पर 15-30 सेकंड के लिए गर्म किया जाता है फिर गर्म दूध को शीघ्रता से ठंडा कर भंडारित कर लिया जाता है। ऐसा करने से दूध में उपस्थित सूक्ष्मजीव नष्ट हो जाते है तथा दूध सुरक्षित हो जाता है। इस प्रक्रिया की खोज लुई पॉश्चर ने किया, इसलिए इस प्रक्रिया को पॉश्चरीकरण कहते है।

भंडारण एवं पैकिंग

खाद्य पदार्थों को सूक्ष्मजीव से बचाने के लिए खाद्य पदार्थों को भंडारण एवं पैकिंग किया जाता है। पैकिंग के कारण समान लंबे समय तक खराब नहीं होता है।

खाद्य परिरक्षण के लाभ

(i) इससे खाद्य पदार्थों की बरबादी नहीं होती है।
(ii) खाद्य पदार्थों को लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है।
(iii) इससे खाद्य पदार्थों की पोषण गुणवत्ता बनी रहती है।
(iv) बिना मौसम के या दूरदराज के स्थानों पर भी खाद्य पदार्थों को पहुंचाया जा सकता है।

नाइट्रोजन स्थिरीकरण

दलहनी पौधों जैसे मटर, सेम आदि की जड़ों में राइजोबियम जीवाणु रहता है, जिसकी सहायता से नाइट्रोजन स्थिरीकरण में सहायक होते हैं। राइजोबियम जीवाणु से वायुमंडलीय नाइट्रोजन पौधों को उपयोगी रूप से प्राप्त होता है।

प्रश्न 9. नाइट्रोजन चक्र किसे कहते है?
उत्तर– पर्यावरण और वायुमंडल के बीच नाइट्रोजन का चक्रीय प्रवाह को नाइट्रोजन चक्र कहते है।

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दोस्तों उम्मीद करता हूं कि ऊपर दिए गए कक्षा 8वीं के विज्ञान के पाठ 07 सूक्ष्‍मजीवों का संसार : सूक्ष्मदर्शी दूारा आँखो देखा (sukshmjivo ka sansar) का नोट्स और उसका प्रश्न को पढ़कर आपको कैसा लगा, कॉमेंट करके जरूर बताएं। धन्यवाद !

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