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Bihar Board 8th Geography Social Science Chapter 1(क) Notes भूमि, मृदा एवं जल संसाधन | Bhumi Mrida Evam Jal Sansadhan Objective

आज के इस पोस्ट में हमलोग कक्षा 8वीं हमारी दुनिया का पाठ ‘भूमि, मृदा एवं जल संसाधन’ का नोट्स को देखने वाले है। Bhumi Mrida Evam Jal Sansadhan

Bihar Board 8th Geography Social Science Chapter 1(क) Notes भूमि, मृदा एवं जल संसाधन | Bhumi Mrida Evam Jal Sansadhan Objective

भूमि, मृदा एवं जल संसाधन

👉 भूमि एक प्राकृतिक संसाधन है, जिसपर मानव तथा जीव जंतु निवास करते है। 29% भाग पर भूमि (स्थल) तथा 71% भाग पर जल है। विश्व की 90 प्रतिशत जनसंख्या भूमि क्षेत्र के 30 प्रतिशत भाग पर ही रहती है। और सभी जगह की भूमि एक समान नहीं है।

भूमि का उपयोग

(i) कृषि कार्य करने में
(ii) सड़क, रेल बनाने में
(iii) पेड़-पौधा उगाने में
(iv) घर, स्कूल बनाने में
(v) गांव एवं शहर बनाने में

👉 स्वामित्व के आधार पर भूमि को दो भाग में बाँटा जाता है निजी भूमि और सामुदायिक भूमि (साझा संपत्ति संसाधन)। निजी भूमि व्यक्तियों के स्वामित्व में होती है जबकि सामुदायिक भूमि समुदाय के स्वामित्व में होती है।

जनसंख्या और उसकी मांग बढ़ रहती है, लेकिन भूमि की उपलब्धता सीमित है।

>> भूमि दो प्रमुख कारकों द्वारा प्रभावित होता है-

(i) प्राकृतिक कारक— स्थल में भिन्नता, मृदा की विशेषता, खनिजों की उपस्थिति, जलवायु इत्यादि प्राकृतिक कारक से भूमि के उपयोग में परिवर्तन आ जाता है। कठोर भूमि में कारखाने और मैदानी भूमि में खेती की जाती है।

(ii) मानवीय कारक— जनसंख्या वृद्धि, मानवीय आवश्यकताओं में अंतर इत्यादि भूमि के उपयोग में परिवर्तन ला देते है। भवनों के निर्माण के लिए भूमि की मांग बढ़ती जा रही है, परंतु भूमि की मात्रा सीमित है।

प्रश्न 1. भूमि का निम्नीकरण किसे कहते है?
उत्तर— बढ़ती जनसंख्या के कारण भोजन एवं आवास की पूर्ति के लिए वन एवं कृषि क्षेत्र कटते जा रहे है। और कम कृषि क्षेत्र में अधिक फसलों के उत्पादन के लिए रसायनिक उर्वरकों का अधिक उपयोग हो रहा है। इन सभी कारणों से भूमि के स्वभाविक गुणों में कमी आ रही है, जिसे भूमि का निम्नीकरण कहते है।

भूमि संरक्षण के उपाय

(i) भूमि का उपयोग नियोजित तरीके से हो
(ii) भूमि पर वन क्षेत्र को बढ़ाया जाए
(iii) जैविक कृषि पर बल दिया जाए
(iv) भूस्खलन रोकने के लिए पर्वतीय ढलानों पर वृक्ष लगाया जाए।

प्रश्न 2. भूस्खलन किसे कहते है?
उत्तर– भूस्खलन एक प्रकार प्राकृतिक घटना है, जिसमें चट्टान, मलबा या मिट्टी ढलान से नीचे की ओर खिसकती है। इसे रोकने के लिए पहाड़ी इलाकों में ढलान पर वृक्ष लगाया जा रहा है।

भूमि को पांच भागों में बांटा गया है

(i) वन क्षेत्र की भूमि
(ii) कृषि कार्य के लिए अनुपलब्ध भूमि
(क) बंजर एवं व्यर्थ भूमि
(ख) सड़क, मकान, उद्योगों में लगी भूमि

(iii) परती भूमि
(क) चालू परती भूमि — वैसे भूमि जिसको एक वर्ष तक खाली छोड़ा जाता है, तथा फिर एक वर्ष के बाद उसपर कृषि की जाती है। उसे चालू परती भूमि कहते है।

(ख) अन्य परती भूमि— वैसे भूमि जिसको एक वर्ष से अधिक तथा पांच वर्ष से कम तक खाली छोड़ा जाता है, तथा फिर एक वर्ष के बाद उसपर कृषि की जाती है। उसे अन्य परती भूमि कहते है।

(iv) अन्य कृषि अयोग्य भूमि
(क) स्थायी चारागाह की भूमि
(ख) कृषि योग्य बंजर भूमि — वैसे भूमि जिसपर पांच वर्ष से अधिक समय तक खेती नहीं की गई हो, उसे कृषि योग्य बंजर भूमि कहते है।

(v) शुद्ध बोई गई भूमि = कृषि योग्य भूमि 

मृदा ( मिट्टी )

👉 मृदा एक प्राकृतिक संसाधन है, जिसपर पेड़-पौधे, घास एवं झाड़ियां आदि पाई जाती है।

मृदा का उपयोग

(i) फसलों की खेती करने में
(ii) पेड़-पौधे, घास एवं झाड़ियां को उगाने में
(iii) गृह निर्माण में
(iv) मूर्ति निर्माण में
(v) खिलौना, गमला आदि बनाने में

अपक्षय = चट्टानों की टूटने की क्रिया को अपक्षय कहते है। मृदा निर्माण के कारक

मृदा निर्माण के मुख्य कारक जनक शैल का स्वरूप और जलवायविक कारक हैं। मृदा निर्माण के अन्य कारक स्थलाकृति, जैव पदार्थों की भूमिका और मृदा निर्माण के संघटन में लगा समय है। अलग-अलग स्थानों पर ये भिन्न-भिन्न होता है।

प्रश्न 3. मृदा का निर्माण कैसे होता है?
उत्तर— मृदा निर्माण की प्रक्रिया में सबसे पहले चट्टान टूटते है। टूटे हुए चट्टान के और महीन होने की प्रक्रिया लगातार चलती रहती है। हजारों लाखों साल के बाद वह चट्टान का टुकड़ा भौतिक, रसायनिक एवं जैविक प्रक्रिया द्वारा और महीन होता जाता है, जिसे मृदा कहते है। केवल एक सेंटीमीटर मृदा को बनने में सैकड़ों वर्ष लग जाते हैं

प्रश्न 4. ऋतुक्षरण किसे कहते है?
उत्तर— जब चट्टान समय के साथ टूटकर अपने ही स्थान पर टुकड़ों में बिखरने लगते है, तो इस प्रक्रिया को ऋतुक्षरण कहते है।

👉 ऋतुक्षरण दो प्रकार के होते है। (i) जैविक ऋतुक्षरण (ii) भौतिक ऋतुक्षरण

प्रश्न 5. जैविक एवं रसायनिक ऋतुक्षरण किसे कहते है?
उत्तर— जब कोई चट्टान पेड़-पौधे, जीव-जंतु, तथा मानवीय क्रियाओं द्वारा टूटता है, तो उसे रसायनिक ऋतुक्षरण कहते है।

प्रश्न 6. भौतिक ऋतुक्षरण किसे कहते है?
उत्तर— जब कोई चट्टान तापमान में उतार-चढाव के कारण टूटता है, तो उसे भौतिक ऋतुक्षरण कहते है।

प्रश्न 7. ह्यूमस किसे कहते है?
उत्तर— मृदा में पेड़-पौधों, जीवों एवं अन्य सड़े-गले पदार्थों के अवशेष पाए जाते है, जिसे ‘ह्यूमस’ कहते है। 

मृदा के प्रकार

(i) उर्वरता के आधार पर
(क) उर्वर — जो मृदा उपजाऊ होते है, उसे उर्वर कहते है।
(ख) अनुर्वर (बंजर) — जो मृदा उपजाऊ नहीं होते है, उसे अनुर्वर कहते है।

(ii) गठन या संरचना के आधार पर
(क) बलुई मिट्टी — बलुई मृदा में बालू और क्ले दोनों होते है, परंतु इसमें बालू का अंश अधिक होता है।
(ख) चिकनी मिट्टी— चिकनी मिट्टी में क्ले अधिक होते है।
(ग) दोमट मिट्टी — दोमट मिट्टी में बालू और क्ले का मिश्रण समान अनुपात में होता है।

(iii) रंग के आधार पर — इस आधार पर मिट्टी को लाल मृदा, काली मृदा, भूरी मृदा, बादामी मृदा में बांटा गया है।

प्रश्न 8. मृदा अपरदन किसे कहते है?
उत्तर— प्राकृतिक या मानवीय कारणों से मृदा बहकर या उड़कर एक स्थान से दूसरे स्थान पर चला जाता है, जिसे मृदा अपरदन कहते है।

👉 मृदा अपरदन, वनोन्मूलन, अतिचारण, रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का अत्यधिक उपयोग, भूस्खलन और बाढ़ आदि कारणों से मृदा के गुणों में कमी हो रहा है।

मृदा का संरक्षण

(i) पर्वतीय क्षेत्रों में समोच्चरेखीय खेती करना
(ii) पर्वतीय ढलानों पर वृक्षारोपण करना
(iii) बंजर भूमि पर घास लगाना
(iv) जैविक खाद का उपयोग करना

मृदा संरक्षण की विधि

(i) मल्चिंग या मल्च बनाना = मल्च बनाना एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें मिट्टी की सतह को जैविक (जैसे पुआल, पत्तियां, छाल) या अकार्बनिक सामग्री (जैसे प्लास्टिक) से ढक दिया जाता है। इस प्रक्रिया का उद्देश्य मिट्टी की नमी बनाए रखना तथा खरपतवारों को दबाना है।

(ii) वेदिका फार्म = ढाल वाली जमीन पर सीढ़ियों की तरह खेत बनाने की एक विधि है। यह विधि पहाड़ी और ढाल वाली ज़मीन को खेती के लिए उपयुक्त बनाती है और मिट्टी के कटाव को रोकने में मदद करती है।

(iii) समोच्च रेखीय जुताई (कृषि) = जब पहाड़ी या ढलान वाली ज़मीन पर समान ऊँचाई (समोच्च रेखा) के साथ खेत बनाए जाते हैं और खेती की जाती है, तो उसे समोच्च रेखीय कृषि कहते हैं। इससे मिट्टी का कटाव और पानी का बहाव कम होता है।

(iv) रक्षक मेखलाएं = तटीय प्रदेशों में पवन की तेज गति को रोकने के लिए वृक्षों को कतार में लगाया जाता हैं, इससे मृदा अपरदन कम होता है।

(v) समोच्चरेखीय रोधिकाएँ = मृदा संरक्षण की वह विधि है, जिसमें समोच्च रेखाओं पर पत्थर, घास, या मिट्टी के अवरोध बनाए जाते हैं, उसे समोच्चरेखीय रोधिकाएँ कहा जाता है। ये रोधिकाएँ पानी के प्रवाह को धीमा करती हैं, जिससे मिट्टी के कटाव को रोका जा सकता है।

(vi) चट्टान बांध = वैसा बांध, जो मुख्य रूप से चट्टान और मिट्टी से बना होता है, उसे चट्टान बांध कहते है। इससे मृदा अपरदन कम होता है।

(vii) बीच की फसल उगाना = मृदा को वर्षा दोहन से बचाने के लिए अलग-अलग समय पर अलग-अलग फसलें एकांतर कतारों में लगाई जाती हैं।

जल (Water)

👉 जल एक प्राकृतिक संसाधन है, जो प्रकृति की अमूल्य देन है।

जल का उपयोग

(i) पीने के लिए
(ii) कपड़ा धोने में
(iii) भोजन बनाने में
(iv) बागवानी तथा खेती के कार्य में

प्रश्न 9. जल चक्र किसे कहते है?
उत्तर— यह एक ऐसा चक्र है जिसमें महासागरों का जल वाष्पीकृत होकर वायुमंडल में जाता है । वहाँ बादल का निर्माण कर यह वर्षा जल के रूप में धरती पर आ जाता है। यह जल बहकर पुनः महासागरों में चला जाता है। इसी चक्र को जल चक्र कहते है।

👉 पृथ्वी पर जल की अधिकता के कारण इसे जलीय ग्रह या नीला ग्रह कहते है।

प्रश्न 10. जल संकट किसे कहते है?
उत्तर— जब किसी क्षेत्र में उसकी खपत की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त जल की कमी होने को जल संकट कहते है।

जल की कमी का कारण

(i) जनसंख्या का बढ़ना
(ii) जल का दुरुपयोग
(iii) जल का प्रदूषित होना

प्रश्न 11. जल प्रदूषण किसे कहते है?
उत्तर— जल में हानिकारक पदार्थ का मिल जाने को जल प्रदूषण कहते है।

प्रदूषित जल पीने के कारण बीमारियां — उल्टी आना, किडनी का खराब होना, पेट दर्द, सिर दर्द, छाती दर्द, वजन घटना, पीलिया रोग होना आदि।

जल संरक्षण के उपाय

(i) उतना पानी ही प्रयोग करें जितनी आवश्यकता हो।
(ii) सार्वजनिक व घरेलू नल को उपयोग के बाद उसे तुरन्त बंद कर दें।
(iii) वर्षा जल का संचयन करें।
(iv) कम समय तक नहाएं।

प्रश्न 12. वर्षा जल संग्रहण किसे कहते है?
उत्तर– वर्षा जल को एकत्र कर विभिन्न कामों में उपयोग करना, वर्षा जल संग्रहण कहलाता है। औसतन दो घंटे की वर्षा में 8,000 लीटर जल को एकत्र किया जा सकता है।

सही विकल्प को चुनें।

1. पृथ्वी का कितने प्रतिशत भाग पर स्थल है?
(क) 71
(ख) 29
(ग) 41
(घ) 46

2. विश्व में सघन जनसंख्या कहाँ मिलती है?
(क) पहाड़ों पर
(ख) पठारों पर
(ग) मैदानों में
(घ) मरुस्थल में

3. भारत में भूमि उपयोग संबंधी आँकड़े कौन रखता है?
(क) भूगर्भ विज्ञान विभाग
(ख) भू राजस्व विभाग
(ग) गृह विभाग
(घ) चिकित्सा विभाग

4. भूमि उपयोग के कुल कितने प्रमुख वर्ग है?
(क) 9
(ख) 7
(ग) 5
(घ) 3

5. मृदा में कुल कितने स्तर पाए जाते हैं?
(क) 2
(ख) 3
(ग) 4
(घ) 7

6. समोच्च रेखीय खेती करना किसका उपाय है?
(क) जल प्रदूषण को रोकने का
(ख) मृदा अपरदन को रोकने का
(ग) जल संकट को दूर करने का
(घ) भूमि की उर्वरता घटाने का

7. रासायनिक दृष्टि से जल किस संयोजन है?
(क) हाइड्रोजन एवं नाइट्रोजन का
(ख) ऑक्सीजन एवं नाइट्रोजन का
(ग) हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन का
(घ) ऑक्सीजन एवं कार्बन का

8. इनमें कौन एक महासागर नहीं है?
(क) अंटार्कटिक
(ख) आर्कटिक
(ग) हिन्द
(घ) प्रशांत

II. खाली स्थान को उपयुक्त शब्दों से पूरा करें:-

1. मृदा में जीवों के सड़े-गले अवशेषों को ह्यूमस कहा जाता है।
2. दक्कन क्षेत्र में काली मृदा पाई जाती है।
3. लेटराइट मृदा का निर्माण प्रक्रिया निक्षालन से होता है।
4. भूमि एक प्राकृतिक संसाधन है।
5. महासागरों में जल का 97.3 प्रतिशत भाग पाया जाता है।

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दोस्तों उम्मीद करता हूं कि ऊपर दिए गए कक्षा 8वीं के हमारी दुनिया के पाठ 1(क) भूमि, मृदा एवं जल संसाधन का नोट्स और उसका प्रश्न को पढ़कर आपको कैसा लगा, कॉमेंट करके जरूर बताएं। धन्यवाद !

3 thoughts on “Bihar Board 8th Geography Social Science Chapter 1(क) Notes भूमि, मृदा एवं जल संसाधन | Bhumi Mrida Evam Jal Sansadhan Objective”

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