आज के इस पोस्ट में हमलोग कक्षा 8वीं हमारी दुनिया का पाठ ‘भारतीय कृषि’ का नोट्स को देखने वाले है। Bhartiya Krishi
भारतीय कृषि |
प्रश्न 1. कृषि किसे कहते है?
उत्तर– खेती करने को कृषि कहते हैं। कृषि एक प्राथमिक क्रिया है।
प्रश्न 2. कृषिगत भूमि किसे कहते है?
उत्तर– वैसा भूमि जिसपर फसल लगाया जाता है, उसे कृषिगत भूमि कहते है।
(i) एग्रीकल्चर = कृषि
(ii) सेरीकल्चर = रेशम उत्पादन
(iii) पीसीकल्चर = मत्स्यपालन
(iv) विटीकल्चर = अंगूरों की खेती (द्राक्षा कृषि)
(v) हार्टीकल्चर = बेचने के लिए लगाया गया फसल
कृषि के प्रकार
👉 विश्व में कृषि विभिन्न तरीकों से की जाती है। और कृषि को दो भागों में बांटा गया है।
1. निर्वाह कृषि – वैसी कृषि जिसमें किसान केवल अपने और अपने परिवार की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए खेती करता हैं, उसे निर्वाह कृषि कहते है।
>> निर्वाह कृषि दो प्रकार के होते है।
(i) गहन निर्वाह कृषि – वैसा कृषि जिसमें एक वर्ष में एक ही खेत में अनेक फसलें लगाई जाती है, उसे गहन निर्वाह कृषि कहते है। जैसे– बिहार में गहन कृषि होती है।
(ii) आदिम निर्वाह कृषि – वैसा कृषि जिसमें पुराने औजारों की सहायता से भूमि के छोटे-छोटे भागों पर खेती की जाती है, उसे आदिम निर्वाह कृषि कहते हैं।
>> आदिम निर्वाह कृषि दो प्रकार के होते है।
- स्थानांतरी कृषि (झूम खेती, कर्तन या दहन कृषि) – झूम खेती में जंगल के किसी भाग को काट-छांट कर साफ करते है, और इस भाग पर दो साल तक खेती करते है, और जब इस भाग की मिट्टी की उर्वरता शक्ति समाप्त हो जाती है, तो यह प्रक्रिया को दूसरे भाग में दुहराया जाता है। इस प्रकार की खेती को झूम खेती कहते हैं।
👉 विश्व में झूम खेती को अनेक नामों से जाना जाता है:-
(i) वेनेजुवेला – कोन्को
(ii) मलेशिया – लदांग
(iii) मैक्सिको – मिल्पा
(iv) ब्राजील – रोका
💠 भारत में झूम खेती को अनेक नामों से जाना जाता है।
(i) आंध्र प्रदेश – पोडु
(ii) उड़ीसा – पामाडाबी
(iii) केरल – कुमारी
(iv) राजस्थान – वालरे
(v) झारखंड – कुरूल
- चलवासी पशुचारण – चलवासी पशुचारण में पशुचारक अपने पशुओं के साथ चारे और पानी के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान पर घूमते रहता हैं। पशुचारक मुख्यतः भेड़, ऊँट, मवेशी, याक और बकरियाँ पालते है।
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2. वाणिज्यिक कृषि – वैसी कृषि जिसमें फसलों और पशुओं का उत्पादन बाज़ार में बेचने के लिए किया जाता है, उसे वाणिज्यिक कृषि कहते है।
👉 वाणिज्यिक कृषि तीन प्रकार के होते है
(i) वाणिज्यिक अनाज कृषि – वैसे कृषि जो वाणिज्यिक उद्देश्य से लगाई जाती है, उसे वाणिज्यिक अनाज कृषि कहते है। जैसे– गेहूं, मक्का, गन्ना
(ii) मिश्रित कृषि – वैसी कृषि जिसमें भूमि का उपयोग भोजन, चारे की फसलें उगाने और पशुपालन आदि सभी कामों के लिए किया जाता है, उसे मिश्रित कृषि कहते है।
(iii) रोपण कृषि – वैसी कृषि जिसमें एक बड़े भू-भाग पर कोई एक विशेष प्रकार की फसल की खेती की जाती है, उसे रोपण कृषि कहते है। इसमें चाय, कॉफी, रबड़, केला, काजू या कपास जैसी एकल फसल उगाई जाती है।
प्रश्न 3. जैविक कृषि किसे कहते है?
उत्तर– वैसी कृषि जिसमें रासायनिक खादों के स्थान पर जैविक खादों का उपयोग किया जाता है, उसे जैविक कृषि कहते है।
मुख्य फसल
(i) चावल = यह विश्व की मुख्य खाद्य फ़सल है। यह उष्ण कटिबंधीय और उपोष्ण कटिबंधीय प्रदेशों का मुख्य आहार है। चावल के लिए उच्च तापमान, अधिक आर्द्रता, वर्षा एवं जलोढ़ मृदा की आवश्यकता होती है। चीन चावल उत्पादन में अग्रणी है। इसके बाद क्रमशः भारत, जापान, श्रीलंका और मिश्र हैं।
(ii) गेहूँ = भारत में गेहूं शीत ऋतु में उगाया जाता है। गेहूँ के लिए मध्यम तापमान, वर्षा, दुमट मृदा और तेज धूप की आवश्यकता होती है। गेहूँ संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, अर्जेंटीना, रूस, यूक्रेन, आस्ट्रेलिया और भारत में उगाया जाता है।
(iii) मिलेट = यह मोटे अनाज के रूप में जाने जाते हैं, और यह कम वर्षा तथा बलुई मृदा में उगाई जा सकती हैं। ज्वार, बाजरा और रागी भारत में उगाए जाते हैं। नाइजीरिया, चीन और नाइजर इसके अन्य उत्पादक देश हैं।
(iv) मक्का = मक्का के लिए मध्यम तापमान, वर्षा और अधिक धूप की आवश्यकता होती है। मक्का उत्तर अमेरिका, ब्राजील, चीन, रूस, कनाडा, भारत और मैक्सिको में उगाई जाती है। मक्का को ‘कॉर्न के नाम से भी जाना जाता है। विश्व में इसकी विभिन्न रंग-बिरंगी प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
(v) कपास = कपास के लिए उच्च तापमान, हल्की वर्षा और तेज धूप की आवश्यकता होती है। यह काली और जलोढ़ मृदा में सर्वोत्तम उगती है। चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत, पाकिस्तान, ब्राजील और मिस्र कपास के अग्रणी उत्पादक देश हैं।
(vi) पटसन = पटसन को ‘सुनहरा रेशा‘ कहा जाता है। यह जलोढ़ मृदा में अच्छे ढंग से विकसित होता है और इसके लिए उच्च तापमान, भारी वर्षा और आर्द्र जलवायु की आवश्यकता होती है। भारत और बांग्लादेश पटसन के अग्रणी उत्पादक हैं।
(vii) कॉफी = कॉफी के लिए गर्म जलवायु और दोमट मृदा की आवश्यकता होती है। ब्राजील कॉफी का अग्रणी उत्पादक देश है। इसके बाद कोलंबिया और भारत हैं।
कॉफी के पीछे की खोज किसने की?
लगभग 850 ई. में कालदी नाम का एक अरबवासी, जो बकरी चराने वाला था, अपनी बकरियों की अनोखी उछल-कूद और हरकतों को देखकर परेशान था। एक दिन उसने भी उस सदाहरित पौधे की फलियों को चखकर देखा, जिन्हें उसकी बकरियों प्रतिदिन खाया करती थीं। उसने आनंद के भाव का अनुभव करने के बाद अपनी खोज के विषय में संसार को बताया।
(viii) चाय = चाय एक बागानों में उगाई जाने वाली पेय फ़सल है। इसकी कोमल पत्तियों की वृद्धि के लिए ठंडी जलवायु, दुमट मृदा और अधिक वर्षा की आवश्यकता होती है।
💠 असम में चाय की खेती सबसे ज्यादा होता है और दार्जिलिंग की चाय की विश्व में सबसे ज्यादा मांग है।
कृषि का विकास
(i) बोए गए क्षेत्र में विस्तार करके।
(ii) बोई जाने वाली फ़सलों की मात्रा बढ़ाकर
(iii) सिंचाई की सुविधाओं में सुधार करके
(iv) उर्वरकों और उच्च उपज देने वाले बीजों के प्रयोग द्वारा।
(v) कृषि का मशीनीकरण भी कृषि के विकास का एक अन्य तरीका है।
प्रश्न 4. फसल किसे कहते है?
उत्तर– बड़े भू-भाग में उगाई जाने वाले उपयोगी पौधें को फसल कहते है।
👉 फसल तीन प्रकार का होता है-
(i) खरीफ फसल– वर्षा ऋतु (जून-जुलाई) में उपजाई जाने वाली फसल को खरीफ फसल कहते है। जैसे– चावल, ज्वार आदि।
(ii) रबी फसल– शीत ऋतु (अक्तूबर-नवम्बर) में उपजाई जाने वाली फसल को रबी फसल कहते है। जैसे– गेहूँ, जौ, आलू, चना, मसूर, मटर व सरसों आदि।
(iii) जायद फसल– ग्रीष्म ऋतु (मार्च-अप्रैल) में उपजाई जाने वाली फसल को जायद फसल कहते है। जैसे– तरबूज, खीरा, खरबूजा, ककड़ी, मूंग, सूरजमुखी इत्यादि।
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👉 उपयोगिता के आधार पर फसल को पाँच भाग में बांटा गया है।
(i) खाद्य फसल
(ii) रेशेदार फसल
(iii) पेय फसल
(iv) बागवानी फसल
(v) व्यापारिक फसल
(i) खाद्य फसल = वैसा फसल जिन्हें किसानों द्वारा भोजन संबंधित आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए उपजाया जाता है, उसे खाद्य फसल कहते है।
जैसे– चावल, आलू, मक्का, धान, चना आदि।
प्रश्न 5. तेलहन किसे कहते है?
उत्तर– वैसा फसल जिनसे तेल प्राप्त होता है, उसे तेलहन कहते है। जैसे– सरसों, सोयाबीन, तिल, सूरजमुखी आदि।
(ii) रेशेदार फसल= वैसा फसल जिनसे रेशा प्राप्त होता है, उसे रेशेदार फसल कहते है।
जैसे– कपास, जूट इत्यादि ।
💠 कापस की खेती काली मिट्टी में होती है। जैसे– गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, मेघालय, तमिलनाडु, राजस्थान आदि जगहों पर कपास की खेती होती है।
👉 बिहार में कपास की खेती नहीं होती है, लेकिन जूट की खेती होती है।
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(iii) पेय फसल = वैसा फसल जिन्हें पीने के लिए उपयोग किया जाता है, उसे पेय फसल कहते हैं।
जैसे– चाय, कॉफी, कोक इत्यादि ।
💠 असम, पश्चिम बंगाल, मेघालय, त्रिपुरा, तमिलनाडु, केरल आदि जगहों पर चाय की खेती की जाती है।
👉 बिहार में किशनगंज, पूर्णिया आदि जगहों पर चाय की खेती की जाती है।
(iv) बागवानी फसल = वैसा फसल जिसे बगानों में लगाया जाता है, उसे बागवानी फसल कहते है।
जैसे– लीची, आम, केला, सब्जी आदि ।
(v) व्यापारिक फसल = वैसा फसल जिसे बेचने के लिए लगाया जाता है, उसे व्यापारिक फसल कहते है। जैसे– रबर, मखाना, तंबाकू, गन्ना आदि।
कृषि को प्रभावित करने वाले कारक
(i) वर्षा पर निर्भरता
(ii) खेतों के छोटे आकार
(iii) भूमि का असमान वितरण
(iv) कृषि ऋण
(v) परंपरागत कृषि
प्रश्न 6. हरित क्रांति किसे कहते है?
उत्तर– फसलों की वृद्धि को बढ़ाने के लिए हरित क्रांति किया गया था, जो 1960 ईस्वी में हुआ था।
प्रश्न 7. जैविक खाद किसे कहते है?
उत्तर– वैसा खाद जो जीवों के अवशेष, खर पतवार, गोबार, पत्तियों आदि की सहायता से बनता है, उसे जैविक खाद कहते हैं ।
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दोस्तों उम्मीद करता हूं कि ऊपर दिए गए कक्षा 8वीं के हमारी दुनिया के पाठ 02 भारतीय कृषि (Bhartiya Krishi) का नोट्स और उसका प्रश्न को पढ़कर आपको कैसा लगा, कॉमेंट करके जरूर बताएं। धन्यवाद !