आज के इस पोस्ट में हमलोग कक्षा 9वीं अर्थशास्त्र का पाठ ‘मानव एक संसाधन’ का नोट्स को देखने वाले है। manav ek sansadhan
| मानव एक संसाधन |
प्रश्न 1. संसाधन किसे कहते है?
उत्तर– ऐसे वस्तु या पदार्थ जिसका उपयोग मानव अपनी आवश्यकता को पूरा करने के लिए करता है, उसे संसाधन कहते है।
☛ संसाधन तीन प्रकार के होते है।
(i) प्राकृतिक संसाधन :- वैसे संसाधन जो प्रकृति द्वारा प्रदान किया गया है, उसे प्राकृतिक संसाधन कहते है। जैसे- भूमि, हवा, पानी
(ii) मानव संसाधन :- मानव एक ऐसा संसाधन है, जो संसाधनों का निर्माण एवं उपयोग दोनों करता है।
(iii) मानव निर्मित संसाधन :- वैसे संसाधन जो मानव के द्वारा बनाए जाते है, उसे मानव निर्मित संसाधन कहते है। जैसे- मकान, सड़क, विद्यालय
☞ मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, जिसकी न्यूनतम आवश्यकता रोटी, कपड़ा, मकान, स्वास्थ्य एवं शिक्षा है।
⪼ मानवीय संसाधन को ‘मानवीय पूँजी’ कहा जाता है, क्योंकि यह उत्पादन क्रिया का प्रमुख अंग अथवा स्रोत है।
मानव एक संसाधन रूप में
➢ जब कोई व्यक्ति को पढ़ाई-लिखाई, अच्छी सेहत और जरूरी चीजें सीखने का मौके दिया जाते हैं। तो वह सीखकर कई कामों में निपुण और माहिर हो जाता है। और वह व्यक्ति अब किसी भी काम या उद्योग में योगदान दे सकता है, जिससे देश की तरक्की होती है।
👉 पूंजी दो प्रकार की होती है।
(i) भौतिक पूँजी :- वैसे वस्तु जिनका इस्तेमाल हम किसी वस्तु को बनाने में करते हैं, उसे भौतिक पूँजी कहते है। और यह निर्जीव होती हैं। जैसे– मशीनें, औज़ार, फैक्ट्री, कच्चा माल
(ii) मानवीय पूँजी :- मानवीय पूँजी का मतलब वे ताकत, हुनर या ज्ञान से है, जो इंसानों के पास होता है। ये सजीव होते है। जैसे– पढ़ाई, प्रशिक्षण, स्वास्थ्य, कौशल

☞ मानवीय पूँजी मुख्यतः भोजन, वस्त्र, आवास, स्वास्थ्य, शिक्षा, प्रशिक्षण, सूचना तकनीक एवं प्रबंधन इत्यादि पर निर्भर करता है। भौतिक पूँजी को काम में लाने और उसे उत्पादक बनाने के लिए मानवीय पूँजी जरूरी होती है।
मानवीय पूंजी निर्माण
(i) भोजन :- इंसान को जीवित और स्वस्थ रहने के लिए सबसे पहले भोजन चाहिए। और भूखा आदमी सिर्फ पेट भरने की चिंता करेगा।
(ii) वस्त्र :- जब पेट भर जाता है, तब इंसान को कपड़े (वस्त्र) की जरूरत होती है।
(iii) आवास :- घर इंसान को मौसम की मार से बचाता है। और घर में इंसान खुद को सुरक्षित महसूस करता है।
(iv) स्वास्थ्य :- अगर शरीर का स्वास्थ्य अच्छा है, तो इंसान के मस्तिष्क (दिमाग़) का विकास होता है। इसलिए स्वास्थ्य को सबसे महत्वपूर्ण संसाधन माना जाता है।
(v) शिक्षा :- शिक्षा से इंसान को नई-नई बातें सीखने और समझने का मौका मिलता है। जैसे कम्पनियाँ फैक्ट्री और मशीनों पर खर्च करती हैं।
⪼ नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने भी शिक्षा को बहुत जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि “हर नागरिक को प्राथमिक शिक्षा मिलनी चाहिए।”
(vi) प्रशिक्षण :- पढ़ाई से हमें किताबों का ज्ञान मिलता है। लेकिन असली काम में उस ज्ञान को कैसे इस्तेमाल करें, ये प्रशिक्षण से सीखते हैं। और खास काम के लिए खास प्रशिक्षण चाहिए। जैसे मशीन चलाना, कम्प्यूटर का इस्तेमाल करना या कोई तकनीकी काम।
(vii) सूचना तकनीक :- सूचना तकनीक (Information Technology) से इंसान का ज्ञान बढ़ता है। और इससे कम खर्च में ज्यादा मुनाफा कमाना सीख सकते हैं।
(viii) प्रबंधन :- जब हम संसाधनों (जैसे- लोग, मशीन, पैसा) को सही तरीके से इस्तेमाल करते हैं, तो उसे प्रबंधन कहते हैं। जब लोग पढ़े-लिखे होते हैं, तो वे वस्तुओं को अच्छे से सँभालना सीख जाते हैं।

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☛ मानवीय विकास को मापने के कुछ खास तरीके होते हैं:-
(i) जन्म और मृत्यु दर (1 साल में हर 1000 लोगों में कितने लोग जन्म लेते और मरते हैं।)
(ii) शिशु मृत्यु दर (एक साल से कम उम्र के बच्चों में कितने की मौत हुई। यह स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति को बताता है।)
(iii) औसत जीवन-काल
(iv) साक्षरता दर
☞ भारत में योजनाओं के दौरान लोग पहले से ज्यादा लंबे समय तक जीते हैं यानी औसत आयु और साक्षरता दर बढ़ा है। और जन्म दर, मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर में कमी आई।
प्रश्न 2. कुशल संगठन किसे कहते है?
उत्तर– जब सभी साधन (मशीन, लोग, जगह) सही जगह और सही तरीके से इस्तेमाल हों, तो उसे कुशल संगठन कहते हैं।
प्रश्न 3. जनसंख्या किसे कहते है?
उत्तर– किसी निश्चित क्षेत्र में रहनेवाले लोगों की संख्या को जनसंख्या कहते है।
☛ लोगों की गिनती इसलिए करते है, ताकि इनकी संख्या के हिसाब से इसके विकास की योजना बनाई जा सके।
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☞ जनसंख्या की दृष्टि से विश्व में प्रथम स्थान चीन का है और दूसरा स्थान भारत का है। लेकिन वर्तमान में जनसंख्या की दृष्टि से विश्व में प्रथम स्थान भारत (145 करोड़) का है, और दूसरा स्थान चीन का है।
⪼ बिहार की जनसंख्या करीब 13 करोड़ 10 लाख है। आजादी के समय भारत की जनसंख्या 33 करोड़ थी, जो 2001 तक 102.70 करोड़ हो गई।
☞ जनसंख्या किसी भी देश की एक बड़ी पूँजी है। और लोग ही वस्तुएँ और सेवाएँ बनाते और इस्तेमाल करते हैं। इसलिए जनसंख्या देश के आर्थिक विकास में मदद करती है।
प्रश्न 4. आदर्श जनसंख्या किसे कहते है?
उत्तर– जब देश की आबादी के हिसाब से साधन और संसाधन पर्याप्त होते हैं, तो उसे आदर्श जनसंख्या कहते हैं।
प्रश्न 5. जनाधिक्य (अत्यधिक जनसंख्या) किसे कहते है?
उत्तर– जब देश के साधन और संसाधन से अधिक जनसंख्या होती है, तो इसे जनाधिक्य (अत्यधिक जनसंख्या) कहते हैं।
प्रश्न 6. जनसंख्या विस्फोट किसे कहते है?
उत्तर– भारत में जनसंख्या बहुत ज्यादा बढ़ गई है, इसलिए इसे ‘जनसंख्या विस्फोट’ कहते है। इससे कई समस्याएँ पैदा हो रही हैं।
प्रश्न 7. जनगणना किसे कहते है?
उत्तर– किसी देश या क्षेत्र में लोगों, घरों या अन्य चीजों की गणना को जनगणना कहते है। यह एक निश्चित समय अंतराल पर की जाती है।
➢ भारत में सर्वप्रथम 1872 ईस्वी में जनगणना की गई थी। और जनगणना प्रत्येक 10 वर्षों में की जाती है।
बिहार में जनसंख्या वृद्धि दर
☛ 2001 के अनुसार जनसंख्या की दृष्टि से उत्तर प्रदेश तथा महाराष्ट्र के बाद बिहार तीसरा बड़ा राज्य था। 2001 में बिहार की जनसंख्या 8.28 करोड़ थी।
☞ 1991 में (जब बिहार विभाजित नहीं हुआ था) बिहार की जनसंख्या, भारत की कुल जनसंख्या का 10% से ज्यादा थी।
⪼ 1991-2001 ईस्वी में बिहार के सबसे ज्यादा जनसंख्या वृद्धि दर वाला जिला शिवहर (36.16%) था। तथा सबसे कम जनसंख्या वृद्धि दर वाला जिला नालंदा (18.64%) था।
प्रश्न 8. जनसंख्या घनत्व किसे कहते है?
उत्तर– एक वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में निवास करने वाले लोगों की संख्या को जनसंख्या घनत्व कहते हैं।
➢ 2001 के जनगणना के अनुसार बिहार की जनसंख्या घनत्व 880 प्रतिवर्ग किलोमीटर है। यानी हर 1 वर्ग किलोमीटर में औसत 880 लोग रहते थे। जबकि 1991 में यह 685 प्रतिवर्ग किलोमीटर थी।
प्रश्न 9. लिंगानुपात किसे कहते है?
उत्तर– प्रति एक हजार पुरुषों पर महिलाओं की संख्या को लिंगानुपात कहते है। सबसे अधिक लिंगानुपात केरल में है।
☞ बिहार का सर्वाधिक लिंगानुपात वाला जिला गोपालगंज है। और सबसे कम लिंगानुपात वाला जिला भागलपुर एवं मुंगेर है।
⪼ 2001 की जनगणना के अनुसार बिहार में हर 1000 पुरुषों पर स्त्रियों की संख्या 921 थी, जबकी 1991 में यह संख्या 907 थी।
बिहार की साक्षरता
प्रश्न 10. साक्षर किसे कहते है?
उत्तर– यदि कोई व्यक्ति किसी भाषा को समझने के साथ-साथ उस भाषा को लिखना-पढ़ना भी जानता हो तो उसे ‘साक्षर’ कहते हैं।
⪼ भारत में सर्वाधिक साक्षरता वाला राज्य केरल है। बिहार में सर्वाधिक साक्षरता वाला जिला रोहतास एवं कम साक्षरता जिला पूर्णिया है।
☞ 2001 के जनगणना के अनुसार बिहार में कुल साक्षरों की संख्या 3 करोड़ 16 लाख थी, जिसमें पुरुष साक्षरों की संख्या 2 करोड़ 9 लाख तथा महिलाओं साक्षरों की संख्या 1 करोड़ 7 लाख थी।
☛ 1991 में बिहार का साक्षरता दर 37.49% था, जो 2001 तक बढ़कर 47.53% हो गया। भारत की साक्षरता दर 65.38% है, जो बिहार से काफी ज्यादा है।
जनसंख्या वृद्धि के कारण
(i) संयुक्त परिवार प्रथा :- बड़े-बड़े परिवार एक साथ रहते हैं, जिससे ज़्यादा बच्चे होते हैं।
(ii) बाल विवाह :- बहुत कम उम्र में शादी हो जाने से जल्दी और ज़्यादा बच्चे पैदा होते हैं।
(iii) अशिक्षा :- जब लोग पढ़े-लिखे नहीं होते, तो परिवार नियोजन के महत्व को नहीं समझ पाते।
(iv) गरीबी :- गरीब लोग बच्चों को कमाई का ज़रिया समझते हैं, इसलिए ज़्यादा बच्चे पैदा करते हैं।
(v) परंपरागत मान्यताएँ :- पुराने विचार जैसे ‘बच्चे भगवान का वरदान हैं’ आदि।
जनसंख्या नियंत्रण के उपाय
(i) तीव्र आर्थिक विकास :- जब देश में रोज़गार और आमदनी बढ़ती है, तो लोग कम बच्चे पैदा करने लगते हैं।
(ii) परिवार नियोजन :- लोग परिवार छोटा रखने के लिए साधनों का इस्तेमाल करें, जैसे – गर्भनिरोधक, नसबंदी आदि।
(iii) धन और आय का समान वितरण :- जब सभी के पास बराबर पैसा होगा, तो जनसंख्या वृद्धि पर असर पड़ेगा।
(iv) आत्म संयम :- लोग खुद से ही तय करें कि उन्हें कम बच्चे पैदा करने चाहिए।
(v) शिक्षा का प्रचार-प्रसार :- जब लोग पढ़े-लिखे होंगे, तो वे परिवार छोटा रखने के महत्व को समझेंगे।
(vi) जागरूकता :- लोगों को समझाया जाए कि ज़्यादा बच्चे पैदा करना क्यों नुकसानदेह है।
(vii) सरकारी प्रयास :- सरकार जनसंख्या नियंत्रण पर योजनाएँ चलाए, मुफ्त साधन दे और प्रचार करे।
राष्ट्रीय जनसंख्या नीति
☛ राष्ट्रीय जनसंख्या नीति 15 फरवरी 2000 को भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया था। इसका मकसद जनसंख्या को नियंत्रित करके विकास को बनाए रखना है। जनसंख्या और विकास का गहरा रिश्ता है। जब जनसंख्या नियंत्रित रहेगा, तभी देश का विकास रहेगा।
☞ राष्ट्रीय जनसंख्या नीति का तत्कालीन उद्देश्य गर्भनिरोधक साधन उपलब्ध कराना तथा शिशु और मातृ स्वास्थ्य सेवाएँ बेहतर बनाना है।
⪼ इसका मध्यकालीन उद्देश्य 2010 तक प्रजनन दर (TFR) को प्रतिस्थापन स्तर पर लाना है। यानी हर महिला के हिसाब से दो बच्चों का रखना। तथा दीर्घकालीन उद्देश्य 2045 तक जनसंख्या को स्थिर करना है।
2045 तक जनसंख्या को स्थिर करने के उपाय
(i) शिशु मृत्यु दर (IMR) को प्रति हजार 30 से कम करना।
(ii) मातृ मृत्यु दर (MMR) को प्रति लाख 100 से कम करना।
(iii) सबको टीकाकरण की सुविधा देना।
(iv) प्रशिक्षित लोगों द्वारा अच्छे अस्पतालों में 80 प्रतिशत प्रसव (Deliveries) कराना।
(v) एड्स (AIDS) के बारे में लोगों को जागरूक करना और रोकथाम के उपाय करना।
(vi) दो बच्चों वाले छोटे परिवार को अपनाने के लिए इनाम देना।
(vii) सुरक्षित गर्भपात की सुविधाएँ बढ़ाना।
(viii) बाल-विवाह रोकने के कानून का सख्ती से पालन करना।
(ix) लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 20 साल या इससे ज़्यादा करना।
☛ गाडगिल फार्मूला के द्वारा बिहार जैसे राज्यों में राष्ट्रीय जनसंख्या नीति 2000 को लागू करने की सिफारिश की गई है।
NCERT TOPIC
☞ आर्थिक क्रियाएँ दो प्रकार का होता है
(i) बाजार क्रियाएँ :- वैसे काम, जिनके बदले में पैसे मिलते हैं, उसे बाजार क्रियाएं कहते है। जैसे:–सरकारी नौकरी करना, वस्तु बनाना और बेचना, सेवा देना (जैसे शिक्षक, डॉक्टर आदि)
(ii) गैर बाजार क्रियाएँ :- वैसे काम जो अपने लिए किए जाते हैं, और उनके बदले में कोई पैसा नहीं मिलता है, उसे गैर बाजार क्रियाएँ कहते है। जैसे:– अपने खेत में उपजाई चीज़ों को खुद खाना, अपने लिए घर बनाना, महिलाएं द्वारा किया गया घरेलू काम
भारत में साक्षरता दर (2011 की जनगणना के अनुसार)
(i) कुल साक्षरता दर – 74.04%
(ii) पुरुषों की साक्षरता दर – 82.14%
(iii) महिलाओं की साक्षरता दर – 65.46%
प्रश्न 11. बेरोज़गार किसे कहते है?
उत्तर– जब कोई व्यक्ति काम करने के लिए तैयार होता है, लेकिन उसे काम नहीं मिलता है, तो उसे बेरोज़गार कहा जाता है।
बेरोज़गारी के प्रकार
(i) मौसमी बेरोज़गारी :- जब लोग सिर्फ साल के कुछ महीने काम करते हैं और बाकी महीनों में बेरोज़गार रहते हैं। जैसे – खेतों में सिर्फ बोने और काटने के समय काम मिलता है।
(ii) प्रच्छन्न बेरोज़गारी :- जब एक काम को कम लोग भी कर सकते हैं, लेकिन उससे ज्यादा लोग उसे कर रहे हों। जैसे – खेत में 4 लोगों का काम 8 लोग कर रहे हों, तो बाकी 4 लोग असल में बेरोज़गार हैं।
(iii) शहरी बेरोज़गारी :- पढ़े-लिखे लोग शहरों में रहते हैं, लेकिन उन्हें नौकरी नहीं मिलती। क्योंकि नौकरियों की संख्या कम है और उम्मीदवार बहुत ज़्यादा हैं।
भारत में बेरोज़गारी के कारण
(i) बढ़ती जनसंख्या।
(ii) कृषि क्षेत्र में विकास की धीमी गति।
(iii) औद्योगिक और सेवा क्षेत्र सीमित है।
(iv) शिक्षा पद्धति व्यवहारिक नहीं है। = स्कूल-कॉलेज में ऐसा ज्ञान नहीं मिलता जिससे छात्र सीधे काम करने लायक बनें।
(v) तकनीकी विकास अव्यवस्थित हैं। = नई मशीनें और टेक्नोलॉजी तो आ रही हैं, लेकिन लोगों को उनका उपयोग करना नहीं सिखाया जा रहा।
(vi) गाँव से शहरों की ओर पलायन
शिक्षित बेरोज़गारी भारत के लिए क्यों चुनौती है?
☛ बहुत से युवा पढ़े-लिखे हैं, लेकिन उन्हें नौकरी नहीं मिलती।ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ज्यादातर पढ़े-लिखे लोग केवल ऑफिस वाले काम (सेवा क्षेत्र / तृतीयक क्षेत्र) करना चाहते हैं। लेकिन उन नौकरियों की संख्या बहुत कम है।
☞ खेती (प्राथमिक क्षेत्र) और फैक्ट्री (द्वितीयक क्षेत्र) में अभी भी विकास की ज़रूरत है, लेकिन पढ़े-लिखे युवा इन क्षेत्रों में काम करना नहीं चाहते। कुछ लोग विदेश जाना चाहते हैं।
शिक्षित बेरोज़गारी का समाधान
(i) स्कूल और कॉलेज में व्यावसायिक शिक्षा होनी चाहिए :- ऐसे विषय सिखाए जाएं जिनसे बच्चे काम करना या छोटा बिजनेस शुरू करना सीख सकें।
(ii) औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र (ITI) खोले जाएं :- ताकि पढ़े-लिखे युवाओं को कोई ट्रेड या स्किल (जैसे बिजली, मशीन, कंप्यूटर आदि) सिखाया जा सके।
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दोस्तों उम्मीद करता हूं कि ऊपर दिए गए कक्षा 9वीं के अर्थशास्त्र के पाठ 02 मानव एक संसाधन (manav ek sansadhan) का नोट्स और उसका प्रश्न को पढ़कर आपको कैसा लगा, कॉमेंट करके जरूर बताएं। धन्यवाद !










Ati sundar hai