आज के इस पोस्ट में हमलोग कक्षा 9वीं भौतिक विज्ञान का पाठ ‘कार्य, ऊर्जा और शक्ति’ का नोट्स को देखने वाले है। karya urja aur shakti
कार्य, ऊर्जा और शक्ति |
प्रश्न 1. कार्य (Work) किसे कहते है?
उत्तर– जब हम किसी चीज़ को धक्का लगाते या खींचते हैं और वह वस्तु थोड़ी दूर तक चली (विस्थापित) जाती है, तो इसे कार्य कहते हैं। इसे W से सूचित किया जाता है।
कार्य (W) = बल (F)× विस्थापन (s)
👉 बल और बल की दिशा में तय की गई दूरी के गुणनफल को कार्य कहते है। कार्य का SI मात्रक न्यूटन मीटर या जूल होता है। कार्य एक अदिश राशि है।
>> जब विस्थापन, बल की दिशा में होता है तब कार्य का परिमाण धनात्मक (positive) होता है। और जब विस्थापन बल की दिशा के विपरीत दिशा में होता है तब कार्य ऋणात्मक (negative) होता है। और जब विस्थापन, बल की दिशा में लम्बवत होता है तो कार्य 0 होता है।
महत्वपूर्ण बातें:
(i) यदि बल और विस्थापन में कोण (θ) है, तो: W = F×s×cosθ
(ii) जब कोण 0° (बल और विस्थापन समान दिशा में):
cos0° = 1, W = F×s
(iii) जब कोण 90° (बल और विस्थापन लम्बवत):
cos90° = 0,W = 0
प्रश्न 2. ऊर्जा (Energy) किसे कहते है?
उत्तर– ऊर्जा मतलब वह ताक़त जिससे हम कोई काम को कर सकते हैं।
या
👉 कार्य करने की क्षमता को ऊर्जा कहते है। और ऊर्जा का SI मात्रक जूल (joule) होता है। ऊर्जा एक अदिश राशि है। ऊर्जा दो प्रकार के होते है।
(i) स्थितिज ऊर्जा (Potential Energy) = जब कोई वस्तु किसी ऊँचाई पर या किसी जगह पर रुककर रखी होती है, तो उसमें एक छुपी हुई ऊर्जा होती है। जिसको स्थितिज ऊर्जा कहते हैं।
Ep = m×g×h
{m= द्रव्यमान, g = गुरूत्वीय त्वरण, h = ऊंचाई}
👉 किसी वस्तु की स्थितिज ऊर्जा उस वस्तु की ऊँचाई और उसके द्रव्यमान पर निर्भर करती है।
(ii) गतिज ऊर्जा (Kinetic Energy) = किसी गतिमान वस्तु में गति के कारण उत्पन्न ऊर्जा को गतिज ऊर्जा कहते है।
माना m द्रव्यमान की वस्तु प्रारम्भ में विरामावस्था में है (अर्थात् u=0) और वस्तु t समय बाद s दूरी चलकर a त्वरण से अंतिम वेग v को प्राप्त कर लेती है। तो
वस्तु द्वारा किया गया कार्य W = F × S
W= mas { F= ma से }
गतिज ऊर्जा और स्थितिज ऊर्जा में अंतर
(i) गतिज ऊर्जा, गति की वजह से उत्पन्न होती है। जबकि स्थितिज ऊर्जा, ऊँचाई या स्थिति की वजह से उत्पन्न होती है।
(ii) गतिज ऊर्जा, चलती हुई चीज़ों में होती है। जबकि स्थितिज ऊर्जा, रुकी हुई चीज़ों में होती है।
(iii) स्थितिज ऊर्जा संचित ऊर्जा है, जबकि गतिज ऊर्जा संचित ऊर्जा नहीं है।
👉 ऊर्जा-संरक्षण का सिद्धांत या नियम (principle or law of conservation of energy) के अनुसार ऊर्जा न तो उत्पन्न की जा सकती है और न ही नष्ट की जा सकती है, लेकिन इसे एक रूप से दूसरे रूप में रूपांतरण किया जा सकता है।
प्रश्न 3. यांत्रिक ऊर्जा किसे कहते है?
उत्तर– किसी वस्तु की गतिज ऊर्जा तथा स्थितिज ऊर्जा के योग को उस वस्तु का यांत्रिक ऊर्जा कहते है।
प्रश्न 4. शक्ति (Power) किसे कहते है?
उत्तर– किसी कार्य को करने में लगे समय को शक्ति कहते हैं। और शक्ति का SI मात्रक वाट (Watt) होता है। और शक्ति भी एक अदिश राशि है। 1 W = 1 j/s
शक्ति (P) = कार्य (W) / समय (t)
👉 1 किलोवाट (kW) की दर से 1 घंटे में व्यय ऊर्जा को 1 किलोवाट घंटा (kWh) कहते है। इसे 1 यूनिट ऊर्जा भी कहते है।
1kWh = 3.6 × 10⁶ J
>> अगर दो लोग एक ही काम करते हैं, लेकिन एक तेज़ करता है, तो उसकी शक्ति ज़्यादा होती है।
ऊर्जा और शक्ति में अंतर
(i) ऊर्जा कार्य करने की क्षमता होती है, जबकि शक्ति कार्य करने की समय दर होती है।
(ii) ऊर्जा कार्य संपन्न होने में लगे समय पर निर्भर नहीं करती है, जबकि शक्ति समय पर निर्भर करती है।
(iii) ऊर्जा का SI मात्रक जूल है, जबकि शक्ति का SI मात्रक वाट है।
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दोस्तों उम्मीद करता हूं कि ऊपर दिए गए कक्षा 9वीं के भौतिक विज्ञान के पाठ 05 कार्य, ऊर्जा और शक्ति (karya urja aur shakti) का नोट्स और उसका प्रश्न को पढ़कर आपको कैसा लगा, कॉमेंट करके जरूर बताएं। धन्यवाद !