आज के इस पोस्ट में हमलोग कक्षा 9वीं भूगोल का पाठ ‘आपदा प्रबंधन’ का नोट्स को देखने वाले है। Aapda Prabandhan
आपदा प्रबंधन |
प्रश्न 1. आपदा प्रबंधन किसे कहते है?
उत्तर– आपदा(संकट) के प्रभाव को कम करने के लिए की जाने वाली तैयारी और संसाधनों का प्रबंधन को आपदा प्रबंधन कहते है।
👉 आपदा दो प्रकार के होते है।
(i) प्राकृतिक आपदा (भूकंप, सुनामी, भूस्खलन)
(ii) मानवीय गलती के कारण घटित आपदा (अम्ल वर्षा, भोपाल गैस कांड)
>>मानवीय भूल से घटित आपदाओं में नाभिकीय, रासायनिक तथा जैविक आपदा प्रमुख है।
नाभिकीय आपदा
(i) नाभिकीय ऊर्जा द्वारा परमाणु बम बनाया जाता है। और भारत में पहली बार परमाणु ऊर्जा केंद्र महाराष्ट्र के तारापुर में स्थापित किया गया।
(ii) सर्वप्रथम परमाणु बम 1945 ईस्वी में अमेरिका द्वारा द्वितीय विश्व युद्ध में जापान के दो नगरों पर गिराया गया।
(iii) सर्वप्रथम 6 अगस्त 1945 को जापान के हिरोशिमा और 9 अगस्त 1945 को जापान के नागासाकी में परमाणु बम गिराया गया।
(iv) परमाणु ऊर्जा उत्पन्न करने वाले वैज्ञानिक और श्रमिकों को रेडियेशन प्रतिरोधी जैकेट पहनना पड़ता है।
(v) परमाणु विस्फोट से बचने के लिए सर्वप्रथम 1946 ईस्वी में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय द्वारा प्रतीक चिह्न का विकास किया गया।
(vi) भारत ने अपना पहला जमीन के अंदर परमाणु परीक्षण 18 मई 1974 को राजस्थान के पोखरण में किया था, जिसका कोड नाम “स्माइलिंग बुद्धा” था।
अम्ल वर्षा
(i) अम्ल वर्षा का मुख्य कारण कारखानों के चिमनी से निकलने वाले सल्फर डाइऑक्साइड (So2) और नाइट्रोजन ऑक्साइड है।
(ii) अम्ल वर्षा का पानी जिस व्यक्ति या वस्तु पर पड़ता है, वह जलने लगता है। और इसका सर्वाधिक प्रभाव दामोदर घाटी क्षेत्र में पड़ता है।
भोपाल गैस कांड
दो और तीन दिसंबर 1984 की मध्यरात्रि में मध्यप्रदेश के भोपाल में एक घटना घटी। इसे भोपाल गैस कांड के नाम से भी जाना जाता है। कीटनाशक दवा बनानेवाली यूनियन कार्बाइड नामक फैक्टरी से मिथाइल आइसो साइनेट (MIC) नामक द्रव ताप बढ़ जाने से गैस बन गया। और वायु में फैल गई। यह गैस नाक के द्वारा फेफडों में गई। और फेफड़ों में पानी भर गया। सांस फूली और दम घुट गई। हजारों लोग मारे गए तथा हजारों लोग अपंग हो गए।
तूतीकोरिन गैस रिसाव
तमिलनाडु के तूतीकोरिन में 5 जुलाई 1997 को ताँबा गलाने के कारखाने से गैस रिसाव के कारण कारखाना में काम करने वाली 90 लड़कियाँ प्रभावित हुई। इस गैस के रिसाव से उन्हें उल्टी होना, छाती में जलन तथा निमोनिया जैसी बीमारी उत्पन्न होने लगी।
जैविक आपदा
(i) डेंगू, एड्स, चिकनपॉक्स आदि रोग सूक्ष्म जीव के कारण होता है।
(ii) HIV, जिसे ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस भी कहा जाता है। HIV एक ऐसा वायरस है, जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर देता है, जिससे व्यक्ति को बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। भारत में HIV का पता 1986 ईस्वी में चला।
(iii) इस वायरस का फैलाव वंशानुगत तथा दूषित खून को चढ़ाने तथा माता के द्वारा उसके बच्चों को एड्स हो सकता है।
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दोस्तों उम्मीद करता हूं कि ऊपर दिए गए कक्षा 9वीं के भूगोल के आपदा प्रबंधन (Aapda Prabandhan) का नोट्स और उसका प्रश्न को पढ़कर आपको कैसा लगा, कॉमेंट करके जरूर बताएं। धन्यवाद !
Nice note , aaise hi notes daalte rahe