आज के इस पोस्ट में हमलोग कक्षा 8वीं विज्ञान का पाठ ‘दहन और ज्वाला’ का नोट्स को देखने वाले है। dahan aur jwala
दहन और ज्वाला |
प्रश्न 1. दहन किसे कहते है?
उत्तर– जब कोई ज्वलनशील पदार्थ ऑक्सीजन की सहायता से जलता है, तो इस प्रक्रिया को दहन कहते है।
👉 दहन दो प्रकार के होते है–
(i) तीव्र दहन – वैसा दहन जिसमें पदार्थ बहुत तेजी से जलते है, उसे तीव्र दहन कहते है। जैसे– रसोईगैस
(ii) स्वतः दहन – वैसा दहन जिसमें कोई पदार्थ स्वतः जलने लगता है, उसे स्वतः दहन कहते है। जैसे– फॉस्फोरस (यह कमरे के तापमान पर अपने आप जलने लगता है।)
>> जिस पदार्थ का दहन होता है, उसे दाह्य या ईंधन कहते है। और दहन एक रासायनिक प्रक्रिया है।
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👉 वैसे पदार्थ जो दहन के समय वाष्पित होता है, वह ज्वाला का निर्माण करता है। मोमबत्ती हमेशा ज्वाला के साथ जलती है, जबकि कोयला नहीं।
प्रश्न 2. ज्वलनशील पदार्थ किसे कहते है?
उत्तर– ऐसा पदार्थ जो आग पर गर्म करने पर जल जाता है, उसे ज्वलनशील पदार्थ कहते है। जैसे– लकड़ी, कोयला
प्रश्न 3. अज्वलनशील पदार्थ किसे कहते है?
उत्तर– ऐसा पदार्थ जो आग पर गर्म करने पर नहीं जलता है, उसे अज्वलनशील पदार्थ कहते है। जैसे– कांच, स्टील, पानी
प्रश्न 4. ज्वलन ताप किसे कहते है?
उत्तर– वह न्यूनतम तापमान जिस पर पहुंचने के बाद कोई पदार्थ जलना शुरू कर देता है, उस ताप को ज्वलन ताप कहते है। सभी वस्तु का ज्वलन ताप अलग-अलग होता है।
💠 पेट्रोल का ज्वलन ताप किरोसीन के ज्वलन ताप से कम होता है।
प्रश्न 5. दावानल किसे कहते है?
उत्तर– गर्मियों के मौसम में बहुत अधिक गर्मी पड़ने पर कुछ स्थानों की सुखी घास में आग पकड़ लेती है, जिससे पूरा जगंल आग की लपेट में आ जाता है, जिसे दावानल कहते है।
सफेद फॉस्फोरस नामक पदार्थ का ज्वलन ताप इतना कम होता है, कि वह कमरे के तापमान पर ही जल उठता है। इसलिए माचिस की तिल्लियों में लाल फास्फोरस का इस्तेमाल किया जाता है।
पदार्थ के जलने का शर्त :-
(i) ज्वलनशील पदार्थ का होना
(ii) ज्वलन ताप पदार्थ का होना
(iii) हवा की जरूरत
माचिस की कहानी
सबसे पहले आग जलाने के लिए चकमक पत्थर का उपयोग किया जाता था। और उसके बाद 1680 ईस्वी में रॉबर्ट बॉयल ने सफेद फास्फोरस का उपयोग कर माचिस बनाया। लेकिन सफेद फास्फोरस कम ताप पर ही जलने लगती थी। और इसके बाद 1855 ईस्वी में कार्ल लुन्डस्टान ने स्वीडन में लाल फास्फोरस का उपयोग कर सेफ्टी माचिस बनाया। इसमें तिल्लियों पर पोटैशियम क्लोरेट तथा डिब्बा पर लाल फास्फोरस और सल्फर होता है।
मोमबत्ती का इतिहास
मोम एक ईधन है जो एक हाइड्रोकार्बन है, जो हाइड्रोजन और कार्बन से मिलकर बना होता है, मोमबत्ती के बारे में माइकल फैराडे ने 1860 मे पता लगाया।
मोमबत्ती की ज्वाला तीन क्षेत्र में होता है–
(i) बाहरी भाग– बाहरी भाग नीला होता है और यह पूरा जलता है। क्योंकि यहां ऑक्सीजन सबसे ज्यादा होता है। और यह बहुत गर्म होता है।
(ii) मध्य भाग– मध्य भाग पीला होता है और यह पूरा नहीं जलता है। क्योंकि यहां ऑक्सीजन थोड़ा कम होता है। और यह गर्म होकर वाष्पित होता रहता है। और यह चमकता भी है।
(iii) आंतरिक भाग– आंतरिक भाग काला होता है और यह सबसे कम गर्म वाला क्षेत्र होता है।
आग का फैलाव रोकने के लिए
(i) ज्वलनशील पदार्थ को हटा देना।
(ii) ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद कर देना।
प्रश्न 6. अग्निशामक किसे कहते है?
उत्तर– आग बुझाने वाले यंत्र को अग्निशामक कहते है। और अग्निशामक में कार्बन डाइऑक्साइड गैस भरा होता है। अग्निशामक सेवा का नंबर 101 है।
पेट्रोल और किरोसीन द्वारा लगे आग को पानी से नहीं बुझाया जा सकता है। उसके लिए अग्निशामक का उपयोग होता है।
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :
(क) वह न्यूनतम तापमान जिस पर कोई पदार्थ जलना प्रारंभ करता है, उस पदार्थ का ज्वलन ताप कहलाता है।
(ख) सफेद फास्फोरस कमरे के ताप पर आग पकड़ लेता है।
(ग) मोम एक हाइड्रोकार्बन है, जो हाइड्रोजन और कार्बन से मिलकर बनी होती है।
(घ) ईंधन के जलने पर ऊर्जा और CO2 बनता है।
(ङ) पेट्रोल का ज्वलन ताप केरोसीन के ज्वलन ताप से कम होता है।
9. निम्न पर (✓) या (✗) का निशान लगाइए :
(क) कागज के कटोरे में पानी डालकर गर्म करने पर कागज जल जाता है। (✗)
(ख) दहन के लिए वायु का होना आवश्यक है। (✓)
(ग) लाल फॉस्फोरस कमरे के ताप पर आग पकड़ लेता है। (✗)
(घ) चूने का पानी में कार्बन डाइऑक्साइड गैस प्रवाहित करने पर चूने का पानी दुग्धीय हो जाती है। (✓)
(ङ) अम्ल और सोडियम बाइकार्बोनेट प्रतिक्रिया का उत्पाद कार्बन डाइऑक्साइड गैस बनता है। (✓)
(च) तेल द्वारा उत्पन्न आग को जल द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है। (✗)
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दोस्तों उम्मीद करता हूं कि ऊपर दिए गए कक्षा 8वीं के विज्ञान के पाठ 01 ‘दहन और ज्वाला’ dahan aur jwala का नोट्स और उसका प्रश्न को पढ़कर आपको कैसा लगा, कॉमेंट करके जरूर बताएं। धन्यवाद !